कैमूर जिले के भगवानपुर प्रखंड अंतर्गत नीबियां गांव में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा के आखिरी दिन आचार्य विश्वकांताचार्य जी ने कहा कि सुखदेव जी ने राजा परीक्षित को 7 दिन तक श्रीमद् भागवत की कथा सुनाई थी जिससे उनका उद्धार हुआ तभी से सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा का प्रचलन शुरू हुआ। जो आज कली काल में भी चल रहा है। उन्होंने कहा कि श्रीमद् भागवत कथा सुनने से सभी पापों का नाश होता है जैसा कि परीक्षित जी को श्राप मिलने के बाद भी श्रीमद् भागवत कथा सुनने के बाद उनका उद्धार हुआ था। वहीं उन्होंने बताया की कथा के आखिरी दिन भगवान श्री कृष्ण की मैत्री भाव की कथा भक्तों के बीच सुनाई जाएगी जिसमें उनके द्वारा गोपियों से विरह, सुदामा गोपी संवाद,
द्वारिका का वर्णन एवं अन्य कथाए सम्मिलित हैं। वही उन्होंने कहा कि इस कली काल में अन्य कथाए व्रत पूजा उपासना का साधन है। लेकिन श्रीमद् भागवत कथा मुक्ति का साधन है। इसलिए जो भी 7 दिन तक श्रद्धा भक्ति से श्रीमद् भागवत कथा सुनता है उसकी मुक्ति होती है और उसका उद्धार होता है। इस कथा को सुनने के लिए सैकड़ो की संख्या में आसपास गांवो के पुरुष एवं महिलाएं कथा का खूब रसपान लिआ।