झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकार द्वारा चलाई जा रही निरोगी भव: एवं सहयोग परियोजना के तहत सिंदरी के डोंगर क्षेत्र में डोर-टू-डोर कार्यक्रम के दौरान पारा लीगल वालंटियर (अधिकार मित्र) प्रदीप चक्रवर्ती की मुलाकात एक दिव्यांग व्यक्ति सुभाष चंद्र घोषाल से हुई तो पता चला कि उनकी बेटी विगत 9 वर्षों से एक अंधेरे कमरे में अपने आप को बंद करके रखती है एवं अति अल्पाहार करती है और उसी कमरे में ही शौच, मलत्याग आदि करती है I वह किसी भी व्यक्ति को अपने आस-पास नहीं आने देती है और जैसे ही उसके पास कोई व्यक्ति जाता है तो उग्र होकर तोड़फोड़ करने लगती है I पैसे के अभाव में वह उसका इलाज नहीं करवा रहा है
इसकी सूचना पीएलवी ने अवर न्यायाधीश सचिव डालसा राकेश रोशन को दी ।उनके निर्देश पर अवर न्यायाधीश रौशन ने अविलम्ब कार्रवाई करते हुए डॉ0 श्री चन्द्र भानु प्रतापन, सिविल सर्जन धनबाद एवं डॉ0 एस0 के0 चौरसिया, अधीक्षक, एसएनएमसीएच धनबाद को पत्र लिख कर रेस्क्यू टीम गठित करने का निर्देश दिया। सिविल सर्जन धनबाद एवं सचिव डालसा द्वारा गठित रेस्क्यू टीम जिसमें डॉ0 मिहिर कुमार एमओआईसी झरिया, प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी पंकज सोरेन, तनवीर आलम , एलएडीसीएस डिप्टी चीफ अजय कुमार भट्ट , अरुण कुमार, राजेश कुमार सिंह एवं सेविका साथी श्रीमती चुनकी देवी थी I इन सभी के साझा प्रयासों से युवती को रेस्क्यू कर एंबुलेंस से उचित इलाज हेतु रिनपास रांची में एडमिट करवाया गया जिससे उसका समुचित इलाज संभव हो सके। पंकज सिन्हा की रिपोर्ट धनबाद से।