तोपचांची झील को यूं ही धरती का स्वर्ग नहीं कहा जाता,प्रकृति ने इसे बहुत हीं फुर्सत से संजोते हुए अपनी गोद में बसाया है. ऐसे तो शुक्रवार को तोपचांची झील अपनी 100 वीं वर्षगांठ मना रही है, तोपचांची झील की स्थापना गवर्नर सर हेनरी व्हीलर द्वारा झील का निर्माण 15 नवंबर 1924 को किया गया था,6 किलोमीटर में फैला और सुंदर वादियों से घिरा तोपचांची झील लोगों को अपनी ओर आकर्षित करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ता है.लेकिन इसके रख रखाव सही ढंग से नहीं होने के कारण यह धरोहर अपनी अस्मिता को बचाने में कामयाब नहीं हो रही है. तोपचांची झील के इस आकर्षण के ही कारण अब तक कई भाषाओं में फिल्म और गाने की शूटिंग तक हुई है.
फिलहाल यह झील रख रखाव और सरकार की उदासीनता के कारण अपनी अस्तित्व को खोता जा रहा है. यह झील अपनी पानी से कतरास,झरिया समेत कई जगह के लोगों की प्यास बुझाता आ रहा है,इस झील की सबसे बड़ी बात यह है कि इस झील से पानी बिना बिजली और मोटर के बिना घरों तक पहुंचती है,वहीं झील में पानी पूरी तरह से लबालब भरने पर पूरा झील भारत का मानचित्र सा प्रतीत होता है. इस झील को देखने के लिए प्रतिदिन काफी संख्या में लोग आते हैं और इसकी सुंदरता को निहारते नहीं थकते है,वहीं पिकनिक के समय लोगों की काफी भीड़ जमा हो जाती है.