बेचारे नेता या प्रत्याशी करें भी तो क्या कम से कम इस वक्त किसे खुश करें और किसे नाराज़? वैसे भी पूरे पांच वर्ष क्या किया क्या नहीं ये तो जनता जाने या प्रत्याशी परंतु इस समय सारे के सारे प्रत्याशियों को न रात में नींद है न दिन में चैन सुबह से देर रात तक भाग दौड़ में ही गुजरता है। ऐसे में धनबाद में गुरु गोविंद सिंह की जयंती मनाई जा रही हो और प्रत्याशी वहां नहीं पहुंचे ऐसा कैसे हो सकता है
फिर चाहे बाज का आशीर्वाद लेने की बात हो या भंडारा चलाने की कोई मौका खोना नहीं चाहता देखिए कुछ झलकियां गुरुपर्व पर प्रत्याशियों की उपस्थिति।पंकज सिन्हा की रिपोर्ट धनबाद से।