मुंगावली__धर्मनगरी बनी मुंगावली निरंतर चलती रही, धार्मिक शोभा यात्राएं

शरद पूर्णिमा को हिंदू मान्यता अनुसार आश्विन मास की पूर्णिमा भी कहा जाता है, ज्योतिष विद्या के अनुसार पूरे साल में केवल शरद पूर्णिमा पर चंद्रमा सोलह कलाओं से परिपूर्ण होता है और बहुत से हिन्दू अनुयाई इस दिन कोजागर व्रत भी रखते है, इसके अलावा शरद पूर्णिमा की रात्रि में चंद्रमा की किरणों में उपचारी गुण होते है और मान्यता है की रात्रि में खीर को बनाकर चंद्रमा की रोशनी में उस खीर को रखते है और चंद्रमा की किरणे उस में अमृत बरसाती है जिसके सेवन से शारीरिक कष्ट दूर होते है इसके अलावा जीवन में लाभ और धर्म की प्रबाह प्रभाहित होती है। हालाकि सुबह सबसे पहली शोभायात्रा मुस्लिम समुदाय के द्वारा निकाली गई जिसमे मौका था मोहम्मद साहब के जन्मदिन का, ये दिन मुस्लिम धर्म अनुयायियों के लिए विशेष होता है जिसमे वह उपर वाले की इबादत करते है, इसके अलावा इस जन्मदिन के खास मौके पर मुस्लिम समुदाय ने नगर में उत्साह के साथ जुलूस निकाला। तत्पश्चात बाल्मिकी जी के अवतरण दिवस पर समस्त सनातनी समाज और बाल्मिकी समाज ने भव्यतापूर्ण शोभायात्रा को निकाला, जिसमे डोले में बाल्मिकी जी को नगर में भ्रमण कराया गया और बड़ी संख्या में महिला पुरुष बच्चे शामिल हुए। आपको बता दें कि वाल्मीकि जयंती समारोह में क्षेत्रीय विधायक और मध्य प्रदेश शासन में पी एच ई राज्य मंत्री राव विजेंद्र सिंह यादव और नगर परिषद् प्रतिनिधि नरेश ग्वाल, मनीष मोदी, मुकेश खटीक भी शामिल हुए।

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