आपने गणेश मेला व दुर्गापूजा में मेला देखा होगा। इन दिनों बलियापुर थाना क्षेत्र में अवैध कोयला तस्करी का मेला भी देखने को मिल जाएगा और प्रशासन की व्हील चेयर पर घुमावदार मूवमेंट के साथ चुप्पी भी दिख जाएगी। आखिर प्रशासन में चुप्पी क्यों है आइए जानते हैं कि बलियापुर थाना क्षेत्र में इनदिनों क्या चल रहा है ? कोयला का खनन क्षेत्र नहीं होने के बावजूद काले हीरे की चमक बलियापुर थाना क्षेत्र में बढ़ती दिखाई दे रही है। प्रशासनिक फेरबदल के बाद क्षेत्र की जनता व अवैध कोयला तस्कर इसे बढ़ा हुआ मान रहे हैं। क्षेत्र की जनता के अनुसार प्रशासनिक फेरबदल के बाद अवैध कोयला तस्करी की बाढ़ से सड़कों पर पैदल चलने व वाहनों को चलाने में दिक्कतें आ रही हैं। बलियापुर थाना क्षेत्र के विभिन्न क्षेत्रों से रात के अँधेरे से शुरू होकर कोयला तस्करी दिन के 11 बजे भी खुलेआम दिखाई दे रही है। आज मोटरसाइकिल बेस्पा स्कूटर एवं साइकिल के माध्यम से धड़ल्ले से चल रहा है। अधिकतर सभी बिना नम्बर प्लेट की गाड़ियां है। जांच का विषय है। ग्रामीणों के द्वारा बताया जाता है कि प्रशासन की वसूली जगह जगह पर हो रही है ग्रामीणों को आने जाने में काफी कठिनाई हो रही है क्या कहते हैं अवैध कोयला तस्कर अवैध कोयला तस्करी कर रहे लोगों ने नाम छुपाने की शर्त के साथ बताया कि बलियापुर के विभिन्न क्षेत्रों से कोयला तस्करी कर बलियापुर हवाई पट्टी के होटल में पुलिस की अवैध वसूली देकर सरसाकुड़ी कालीपुर घाट करकली घाट के रास्ते दामोदर नदी के माध्यम से पश्चिम बंगाल भेजा जा रहा है। बँदरबाँट में सभी भाई भाई हैं तो वही कहावत चरितार्थ होती है कि सईयाँ भए कोतवाल तो डर काहे का।
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