बैरिया हत्यारोपी को गिरफ्तार करो, गिरफ्तार करो और हत्यारोपी को फांसी दो, फांसी दो, उक्त आवाज उस हर एक शख्स की थी जो हरेराम के हाथ पैर बांधकर, मुंह मे कपड़ा ठूस कर निर्मम हत्या के उपरांत रेलवे लाइन के करीब फेंके जाने से खासा नाराज था। सैकड़ो की संख्या महिला पुरुष हाथ में हत्यारे को गिरफ्तार करो फांसी दो का तख्ती लिये हेवंतपुर गांव से बारिश में भीगते हुये पैदल ही चलकर बैरिया थाना पहुंचकर धरना प्रदर्शन करने लगे। लोगों का कहना था कि लगभग एक सप्ताह बाद भी न तो हत्या का खुलासा हुआ और ना ही किसी भी नामजद हत्यारोपी की गिरफ्तारी हुई। ऐसे में हम लोगों का धैर्य व विश्वास बैरिया पुलिस की कार्य प्रणाली से उठता जा रहा है। अगर एक सप्ताह में हरेराम के हत्यारों की गिरफ्तारी नहीं होती है तथा हरेराम हत्याकांड मामले में पुलिस द्वारा किसी भी तरह की लीपापोती कि जाता है तो हम गांव वाले पैदल ही हजारों की संख्या में हेवंतपुर से चलकर बलिया पुलिस कप्तान का घेराव करने को विवश होंगे। जिसकी सभी जिम्मेदारी एसएचओ बैरिया धर्मवीर सिंह की होगी।
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