हरियाणा विधानसभा चुनाव में भाजपा ने जीत की हैट्रिक लगा दी। 48 सीटें भाजपा की झोली में डाल दी। दोपहर को ही यह साफ हो गया कि राज्य में तीसरी बार भाजपा की डबल इंजन की सरकार बन रही है। कांग्रेस को सिर्फ 37 सीटों से संतोष करना पड़ा, जो कि पिछले चुनाव से छह सीटें अधिक हैं। कांग्रेस के साथ गठबंधन की बात न बनने पर अरविंद केजरीवाल की लीडरशिप में पार्टी ने अकेले ही हरियाणा में चुनाव लड़ने का फैसला किया। हालांकि, चुनाव में आम आदमी पार्टी का प्रदर्शन बेहद ही निराशाजनक रहा है। कांग्रेस को
उम्मीद थी कि आम आदमी पार्टी को साथ लिए बिना भी वो राज्य में सरकार बना सकती है। अब कांग्रेस की हार पर आम आदमी पार्टी के नेता भी तंज कस रहे हैं। हरियाणा में 2 प्रतिशत सीट हासिल करने वाली पार्टी का दावा है कि अगर कांग्रेस ने आप का साथ लिया होता तो नतीजा कुछ और हो सकता था।