अंतरिक्ष में होगा भारतीय वायुसेना का ‘अड्डा’

अंतरिक्ष में होगा भारतीय वायुसेना का ‘अड्डा’

चीन की अंतरिक्ष में बढ़ती ताकत और सैन्य चुनौतियों को देखते हुए भारत एयरोस्पेस पावर को मजबूत करने के लिए कदम उठा रहा है। भारतीय वायुसेना, इसरो, डीआरडीओ और निजी उद्योगों के साथ मिलकर अपनी अंतरिक्ष-आधारित प्रणालियों को मजबूत करने पर काम कर रही है, जिसमें एसपीएस 3 कार्यक्रम भी शामिल है। वायुसेना 52 नई सैटेलाइट्स को स्पेस में भेजने की योजना बना रही है, जिनका उपयोग कम्युनिकेशन, मौसम पूर्वानुमान, नेविगेशन, ट्रैकिंग और सैन्य संचालन के लिए किया जाएगा।

इसके अलावा, तीनों सेनाओं की संयुक्त स्पेस कमान बनाने की योजना है, जिसमें ISRO, DRDO और निजी कंपनियां भी शामिल होंगी। भविष्य में युद्ध के मैदान में स्पेस की भूमिका अहम होगी, इसलिए भारत अपनी डिफेंसिव और ऑफेंसिव क्षमताओं को अंतरिक्ष में बढ़ा रहा है।

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