अपोलो हॉस्पिटल में भर्ती एक मरीज के पिता एवं मौसा ने अस्पताल संचालक पर अवैध पैसे लेने का आरोप लगाया है। पुरा पैसा जमा करने के बावजूद पुनः पैसा की मांग कर मरीज को नहीं छोड़ने की बात कही है। इस मामले में मरीज के पिता ने अपोलो हॉस्पिटल के विरूद्ध थाना में आवेदन दिया है। हालांकि पुलिस के जांच के क्रम में परिजन एवं हॉस्पिटल संचालक के बिच एस आई नन्दन राय ने समझौता करा दिया, इसके बाद अस्पताल कर्मी ने मरीज को छुट्टी दे दी। साथ ही मरीज के स्वजन ने शिकायत वापस ले ली है। मरीज के पिता सोहजना गांव के गुडू यादव ने बताया कि 30 सितंबर को मेरे पुत्र को बिजली का करंट लग गया था। स्वजन ने आनन फानन में अपोलो हास्पिटल हेलाजोत में भर्ती कराया। उस दौरान अस्पताल कर्मी ने इलाज का टोटल 19500 रूपया जमा करा लिया। मंगलवार को जब मरीज को ले जाने की बात आई तो अस्पताल कर्मी ने 21 हंजार रूपया की मांग की। बिल 25 सितंबर का था जबकि मरीज ओपोलो हॉस्पिटल में 30 सितम्बर को भर्ती करवाया था, परन्तु बिल 25 तारीख के समय में ही दे दिया, कम्प्यूटर बिल में इतना झोल, सिधे साधे मरीज के साथ कितना ऐठता होगा ईलाज के नाम पर भगवान ही जाने, जाँच करने पकड़ने बाला न शासन नही
प्रशासन ऐसे में ऐसे हॉस्पिटल पर जाँच कारवाई अब आवश्यक हो गई है। * क्लीनिक पर अवैध पैसे लेने का लगाया आरोप पीड़ित के स्वजन ने थानाध्यक्ष से लगाई गुहार * पुलिस के हस्तक्षेप पर स्वजन ने आवेदन लिया वापस 30 सितंबर को अस्पताल में भर्ती हुआ था। जब बिल का स्वजन ने विरोध किया तो अस्पताल कर्मी ने स्वजन को तरह तरह की धमकी देने लगा। कहा कि रूपया जमा करो नहीं तो लड़का को ऐसा सूई लगाएगे कि जान भी जा सकती है। पीड़ित ने अस्पताल कर्मी पर धक्का मुक्की करने का भी आरोप लगाया है। थानाध्यक्ष संजय कुमार ने पीड़ित के आवेदन पर जांच कराने की बात कही। अस्पताल संचालक सुभाष कुमार बरनवाल ने बताया कि मरीज के स्वजनं को बिल से संबंधित जानकारी दी गई। स्वजन बिल समझ नहीं पाए थे। उन्होंने शिकायत वापस ले ली है। मरीज को भी छोड़ दिया गया है। दवा और आपरेशन का अलग अलग बिल दिया गया था।