अपनी भाषा के प्रति लगाव और अनुराग राष्ट्र प्रेम का ही एक रूप है। हिंदी ने सभी भारतवासियों को एक सूत्र में पिरोकर सदैव अनेकता में एकता की भावना को पुष्ट किया है। संविधान सभा ने 14 सितंबर, 1949 को हिंदी को राजभाषा का दर्जा प्रदान किया। इस पावन दिवस की स्मृति में प्रतिवर्ष 14 सितंबर को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है। वर्ष 1975 में राजभाषा विभाग की स्थापना की गई और यह दायित्व सौंपा गया कि केंद्र सरकार के सभी कार्यालयों/मंत्रालयों/उपक्रमों/बैंकों आदि में अधिक से अधिक कार्य हिंदी में किया जाना सुनिश्चित किया जाए। फलस्वरूप ईसीएल प्रबंधन द्वारा वर्ष 1979 में राजभाषा विभाग को अधिस्थापित किया गया और तब से ईसीएल एवं इसके समस्त खनन क्षेत्र राजभाषा (हिंदी) के संवर्धन के लिए सदैव ऊर्जावान और सतत प्रयासरत है। भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा राजभाषा (हिंदी) के प्रचार व प्रसार को प्रभावी एवं व्यापक बनाने के लिए सितंबर माह, 2024 को ऊर्जा, उत्साह और उल्लास के साथ राजभाषा (हिंदी) माह, 2024 के रूप में मनाने तथा इस दौरान विविध आयोजनों के क्रियान्वयन के लिए आवश्यक दिशानिर्देश प्रदान किया गया था। ईसीएल के सभी कर्मियों एवं इसके समीपवर्ती बांग्ला व हिंदी माध्यम के विद्यालयों के प्यारे-प्यारे बच्चों की पूर्ण सहभागिता सुनिश्चित करने की मंशा तथा कंपनी व इससे संसक्त समाज में संवैधानिक प्रावधानों के अनुरूप हिंदी का उत्साहवर्धक वातावरण सृजन के लिए दिनांक 01.09.2024 से 30.09.2024 तक राजभाषा (हिंदी) माह, 2024
मनाया गया और इस दौरान ईसीएल मुख्यालय सहित समस्त खनन क्षेत्रों व कल्ला केन्द्रीय अस्पताल द्वारा अपने-अपने कार्य / कमान क्षेत्र में अलग से विविध आयोजनों, नानाविध प्रतियोगिताओं, बहुभाषी हिंदी कवि सम्मेलन एवं हिंदी दिवस समारोह को संपन्न किया गया। ईसीएल मुख्यालय के डिसेरगढ़ क्लब में समापन-सह-सम्मान समारोह का आयोजन किया गया जिसका शुभारंभ निदेशक (तकनीकी) संचालन श्री नीलाद्रि रॉय के मुख्य आतिथ्य एवं अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक के तकनीकी सचिव श्री मदन मोहन कुमार की गरिमामयी उपस्थिति में हुआ। वित्तीय वर्ष 2023-24 में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले क्षेत्रों एवं विभागों को पुरस्कृत किया गया तथा बांगला व हिंदी भाषा के लिए अलग-अलग माहवार आयोजित नानाविध प्रतियोगिताओं यथा कविता पाठ, निबंध लेखन, पत्र लेखन, शब्दानुवाद, सुवाक्य लेखन, टंकण आदि में सफल प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया गया। समारोह के दौरान क्विज प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। गत दस (10) वर्षों से सलानपुर क्षेत्र में राजभाषा (हिंदी) का व्यापक प्रचार-प्रसार होने के कारण सलानपुर क्षेत्र प्रत्येक वर्ष ‘ग’ क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ राजभाषा कार्यान्वयन (क्षेत्रीय स्तर पर) पुरस्कार के लिए प्रथम स्थान अर्जित करते आ रही थी। उत्कृष्ट प्रदर्शन के फलस्वरूप सलानपुर क्षेत्र को वर्ष 2024 का राजभाषा शिरोमणि पुरस्कार प्रदान किया गया है। भाषायी क्षेत्र “ग” में आने वाले खनन क्षेत्रों में राजभाषा कार्यान्वयन में सर्वश्रेष्ठ क्षेत्र में प्रथम पुरस्कार सोनपुर बजारी क्षेत्र को, द्वितीय पुरस्कार कुनुस्तोड़िया क्षेत्र को तथा तृतीय पुरस्कार काजोड़ा क्षेत्र को मिला। वहीं “क” क्षेत्र में प्रथम पुरस्कार राजमहल क्षेत्र को, द्वितीय पुरस्कार संथाल परगना माइन्स क्षेत्र को तथा तृतीय पुरस्कार मुगमा क्षेत्र को प्राप्त हुआ। विभागीय स्तर पर राजभाषा कार्यान्वयन में सर्वश्रेष्ठ विभाग में प्रथम पुरस्कार कंपनी सचिवालय को, द्वितीय पुरस्कार केंद्रीय अस्पताल, कल्ला को तथा तृतीय पुरस्कार सूचना का अधिकार प्रकोष्ठ को मिला। मुख्यालय स्तर पर सिविल विभाग द्वारा हिंदी का व्यापक प्रचार-प्रसार के लिए वर्ष 2024 का सर्वश्रेष्ठ राजभाषा नवाचार पुरस्कार प्रदान किया गया। काजोड़ा क्षेत्र के श्री प्रताप टिग्गा, उप प्रबंधक (कार्मिक) को सर्वश्रेष्ठ राजभाषा नोडल अधिकारी पुरस्कार तथा सोनपुर बजारी क्षेत्र के श्री संदीप झा को सर्वश्रेष्ठ राजभाषा संवर्गीय कर्मी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। साथ ही, मुख्यालय से सेवानिवृत्त होने वाले कर्मियों यथा श्री पूषण कुमार सरकार, श्री शंकर दास, श्री चंदन सरकार, मो. जैनुद्दीन अंसारी, श्री सोहिनी सेनगुप्ता, श्री काली माझी एवं श्रीमती पुष्पा छेत्री को सादर सम्मान करते हुए दीर्घायु, स्वस्थ एवं सुंदर जीवन की कामना की गई। भारत सरकार के हिंदी शिक्षण योजना…