झाझा के ओपोलो अस्पताल में हालिया घटनाओं और जांच में हो रहे विलंब ने स्थानीय समुदाय में चिंता बढ़ा दी है। अस्पताल प्रबंधन द्वारा मिडिया पर मानहानि का मुकदमा करने की धमकी से यह सवाल उठता है कि क्या यह सच्चाई को छुपाने का प्रयास है। सुभाष वर्णवाल का मीडिया पर दबाव डालने का प्रयास इसे दर्शाता है कि वह स्थानीय जनभावना और
मीडिया के अधिकारों को दरकिनार कर रहे हैं। भारतीय मीडिया फाउंडेशन के बिहार प्रवक्ता गौरव सिंह राठौड़ ने इस संदर्भ में अपनी बात रखते हुए कहा कि मीडिया को अपनी जिम्मेदारी निभाने का अधिकार है और जनता के हित में सच को सामने लाना जरूरी है। झाझा की जनता पूछती है कि क्या सच जानने का उनका अधिकार नहीं है? इस मुद्दे पर आगे की कार्रवाई और स्थिति पर नजर रखना आवश्यक है।