आजसू पार्टी की झारखंड नवनिर्माण संकल्प सभा तोपचांची के पावापुर में स्व बिनोद बिहारी महतो की 101 वीं जयंती के मौके पर आयोजित की गई. इस मौके पर आजसू सुप्रीमो राज्य सरकार पर जमकर निशाना साधते हुए कहा कि आज ऐतिहासिक दिन को पुनर जीवित और स्थापित करने के लिए यहां आए हैं, झारखंडी विचारधारा का जन्म इसी धरती पर लिया है और यहीं बसा हुआ था,जहां खड़ा होकर हम उनको याद कर रहे हैं. आइए इस दिन को यादगार बनाएं. उन्होंने कहा कि मईया सम्मान योजना लाने का समय बहुत गलत चुना हेमंत सोरेन ने, जिसे जनता जान और समझ चुकी है, आज महिलाओं को 33 रुपए का आत्मसम्मान दिया 33 रुपए में लाकर खड़ा कर दिया, उन्होंने लोगो से आह्वान किया कि बिनोद बाबू के सपनो का नवनिर्माण आने वाले दो महीनो में पूरा करें.
साथ ही उन्होंने कहा कि जिस जब गांव महिलाओं के अधिकार को अनसुना कर देंगे तब बिनोद बाबू याद आयेंगे,जब इस क्षेत्र में बाहर की कंपनी आई थी तब बिनोद बाबू एक त्रिवेणी के शकल में आए थे, बिनोद बाबू ने कॉमरेड ए के राय , शिबू शोरेन लाल झंडा और हरा झंडा को एक साथ लाकर एकीकृत करने का काम किया.ये राजनीति कोई संगठन का नाम नही बल्कि वसूल के साथ चलने और राज्य को आगे बढ़ाने का नाम है. आज आजसू का प्रश्न एग्जाम में पूछा जा रहा, जिसने झारखंड आंदोलन को जिया है उससे बेहतर कोई आंदोलनकारी नही हो सकता, ये आंदोलनकारी धरा है इसी धरती में शहीद जीवलाल महतो, सुरेश महतो की जन्म भूमि है जिन्होंने आंदोलन को एक दिशा देने का काम किया, जो राज्य को अधिकार नही दे सकता उसे सत्ता में रहने का अधिकार नही,आज संकल्प ले कि झारखंड का चित्र खराब न हो. आइए आज बिनोद बाबू के विचारो को लोगों और नई पीढ़ी को पहुंचाने का काम करे, खेत किसान नौजवान ये हमारी प्राथमिकता में है, आज क्रांति का रूप बदल गया, वो क्रांति कहां गया जिसकी रूप रेखा बिनोद बाबू तैयार किया था.