अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में 0.50 फीसदी की कटौती का भारत में विदेशी निवेश पर कोई महत्वपूर्ण असर नहीं पड़ेगा, ऐसा आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ ने कहा। उन्होंने इसे वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक कदम बताया, लेकिन कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) अपने फैसले को भारतीय अर्थव्यवस्था के अनुसार ही लेगा। आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक अगले महीने होगी,
जबकि भारत की रेपो दर पिछले फरवरी से 6.5 फीसदी पर स्थिर है। मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन ने भी कहा कि फेडरल रिजर्व के फैसले का भारत पर सीमित असर होगा और भारतीय शेयर बाजार पहले से ही निवेशकों को आकर्षित कर रहा है।