चैनपुर विधानसभा से दल के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे नीरज पांडे

चैनपुर विधानसभा से दल के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे नीरज पांडे

कैमूर के बड़े समाजसेवी नीरज पांडे किसी परिचय के मोहताज नहीं है। सालों समाजसेवा करने के बाद 2020 बिहार विधानसभा चुनाव में उन्होंने चैनपुर से निर्दलीय चुनाव लड़ा था तब बहुजन समाज पार्टी से जमा खान विधायक बने थे। भाजपा के बृजकिशोर बिंद दूसरे स्थान पर थे। जबकि महागठबंधन से कांग्रेस के उम्मीदवार को महज 5000 ही वोट प्राप्त हुआ था। लेकिन निर्दलीय चुनाव लड़े नीरज पांडे को करीब 14000 वोट हासिल हुआ था। अब 2025 में विधानसभा का चुनाव होना है इसको देखते हुए नीरज पांडे ने चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि मैं एक युवा हूं। चैनपुर विधानसभा में युवाओं से मेरा गहरा लगाव है। मैं हमेशा लोगो जरूरत के हिसाब से हर जगह उपलब्ध रहता हूं। लोगों का मदद भी करता हूं। यही कारण है कि निर्दलीय चुनाव लड़ने के बाद मेरे साथ 14000 लोग खड़े थे।

उन्होंने यह भी बताया कि 2025 का विधानसभा चुनाव किसी राजनीतिक दल के टिकट पर लड़ेंगे। हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि दल कौन सा होगा। पूछे जाने पर यह जरूर बताया कि समय आने पर इस बात की जानकारी सभी को हो जाएगी। आपको बता दें कि गरीब परिवार के घर के लड़कियों की शादी की बात हो या फिर गरीब छात्र जिसे पैसे की जरूरत है पढ़ाई के लिए या फिर त्यौहार खास कर छठ पूजा में बढ़ चढ़कर हिस्सा श्री पांडे लेते हैं। यही कारण है कि चैनपुर की जनता नीरज पांडे को दिल से मानती है। उन्होंने कहा कि मैं भी चैनपुर की जनता को दिल से मानता हूं। 2025 का चुनाव नीरज पांडे निर्दलीय नहीं बल्कि दल के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे। नीरज पांडे के चुनाव लड़ने की खबर पर राजनीतिक सर गर्मी तेज हो गई है। चैनपुर से चुनाव लड़ने वाले लोग अभी से भयभीत होने लगे हैं। फिलहाल बिहार में एनडीए की सरकार है। भाजपा जदयू सहित अन्य दो-तीन दलों का गठबंधन है। लेकिन 2020 बिहार विधानसभा चुनाव में जिले के रामगढ़, मोहनिया, भभुआ, चैनपुर सीट पर भाजपा चुनाव लड़ी थी। जमा खान चैनपुर से बसपा के टिकट पर विधायक बने थे। विधायक बनने के बाद जल्द ही जदयू में शामिल हो गए। देखने वाली बात अब यह होगी कि जमा खान जदयू के टिकट पर चैनपुर से चुनाव लड़ते हैं या यह सीट बीजेपी कोटे में जाती है। एक बात साफ है नीरज पांडे के चुनावी आगाज की घोषणा के बाद चैनपुर से चुनाव लड़ने की उम्मीद पाल रखे बहुतेरे नेता सोचने पर मजबूर हो गए हैं। इसके पीछे की वजह यह है कि जो व्यक्ति निर्दलीय चुनाव लड़कर 14000 वोट प्राप्त कर सक्ता है तो टिकट मिलने के बाद वोट में निश्चित तौर पर काफी इजाफा होगा और चैनपुर विधानसभा की चुनावी गणित बदल सकती।

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