मणिपुर हिंसा: ड्रोन-ग्रेनेड अटैक और सुरक्षा संकट 

मणिपुर हिंसा: ड्रोन-ग्रेनेड अटैक और सुरक्षा संकट 

मणिपुर में हिंसा की स्थिति एक साल बाद भी नियंत्रण में नहीं आई है। 1 सितंबर से मणिपुर की घाटी में हिंसक घटनाओं में तेजी आई है, जिससे स्थानीय लोगों की सुरक्षा और शांति की उम्मीदें टूट रही हैं। अब, ड्रोन का इस्तेमाल करके बमबारी की जा रही है और रिहायशी इलाकों को आरपीजी (रॉकेट-प्रोपेल्ड ग्रेनेड) से निशाना बनाया जा रहा है। इस गंभीर स्थिति ने मणिपुर को एक बार फिर से संकट में डाल दिया है। हिंसा और असुरक्षा के इस दौर में, मणिपुर की स्थिरता और शांति की दिशा में प्रगति की उम्मीदें अब भी बहुत दूर नजर

आ रही हैं। मणिपुर में शांति बहाली की उम्मीदों को टूटते हुए देखकर इंफाल घाटी के स्थानीय संगठनों ने पब्लिक इमरजेंसी घोषित कर दी है। इस पब्लिक इमरजेंसी के तहत केंद्रीय सुरक्षा बलों को चेतावनी दी गई है कि यदि वे कुकी संगठनों पर कार्रवाई नहीं करते और शांति स्थापित नहीं कर पाते, तो उन्हें मणिपुर छोड़ने की सलाह दी जाएगी। इस स्थिति का प्रभाव इंफाल के व्यस्त इलाकों में भी स्पष्ट रूप से देखा जा रहा है। बाजार, दुकानें, और मकान बंद हैं, और सड़कों पर आवाजाही लगभग थम सी गई है। पब्लिक इमरजेंसी ने स्थिति को और भी गंभीर बना दिया है, और स्थानीय जनता की परेशानियों में इजाफा कर दिया है।

Comments

No comments yet. Why don’t you start the discussion?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *