ऑल इंडिया आदिवासी को-आर्डिनेशन कमेटी रानीगंज शाखा एवं पश्चिम बंगाल आदिवासी कोल समाज सेवा संघ के बैनर तले आदिवासी समाज के लोगों ने दस सूत्रीय मांगों को लेकर रानीगंज ब्लॉक विकास अधिकारी (बीडीओ) कार्यालय का घेराव कर ज्ञापन सौंपा। उनकी प्रमुख मांगों में हाड़ाभांगा-डामालिया जंग बहा बहेल घाट (श्मशान घाट) को हेरिटेज घोषित करना, जेके नगर मोड़ से हाड़ाभांगा डामालिया श्मशान घाट तक सड़क का निर्माण करना,नोनिया नदी पर बने हाड़ाभांगा के जर्ज़र ब्रिज का पुनर्निर्माण करना, रानीसायर मोड़ से हाड़ाभांगा डामालिया श्मशान घाट सड़क निर्माण करना, दामोदर नदी के किनारे अवैध रूप से बालू एवं कोयला निकालना बंद करना आदि शामिल था। रानीगंज के बीडीओ शुभजीत गोस्वामी ने ज्ञापन प्राप्त करते हुए कहा कि वे इन सभी मांगों को उच्च अधिकारियों तक पहुंचाएंगे। वही पंचायत समिति के कर्माध्यक्ष विनोद मुनिया ने कहा कि ये समस्याएं लंबे समय से चली आ रही हैं,और वे जल्द से जल्द इन मुद्दों का समाधान करने
का प्रयास करेंगे।इस मौके पर आदिवासी समाज के लोगो ने कहां कि हाड़ाभांगा- डामालिया जंग बहा बहेल घाट यानी आदिवासियों के श्मशान घाट है इस प्राचीन श्मशान घाट को बचाना है इस घाट को हेरिटेज घोषित करने की मांग करते है आदिवासी समुदाय का दावा है कि उनके पास कुल पांच जंग बह बहेल घाट यानी अस्थि विसर्जन घाट हैं, पहला घाट गाय घाट, तिरियो घाट, हाट कुंडा बांधा घाट, तेलकोपी बर्निंग घाट और हाड़ाभांगा-डामालिया जंगबहा बेहल घाट है। तीन-चार साल पहले हाड़ाभांगा-डामालिया घाट पर कुछ अवैध कोयला व्यापारियों ने कोयला निकालने की कोशिश की और हमलोगों ने उन्हें रोका। उन्होंने हम पर विभिन्न तरीकों से हमला करने की कोशिश की और हमें जान से मारने की धमकी दी। आदिवासी समुदाय के लड़कों के खिलाफ झूठे मामले दर्ज किए गए। इन सभी मांगो को लेकर बीडीओ) कार्यालय का घेराव कर ज्ञापन सौंपा गया।