कोलकाता कांड में सीबीआई ने भ्रष्टाचार के आरोप में आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष सहित चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। लगभग 15 दिनों की पूछताछ के बाद, संदीप घोष, बिप्लव सिंह, सुमन हाजरा, और अफसर अली खान को हिरासत में लिया गया। इस मामले में पहले ही सिविक वॉलंटियर संजय रॉय, जो मुख्य आरोपी है, को गिरफ्तार किया जा चुका है। सीबीआई इस मामले में गहराई से जांच कर रही है। आइए कोलकाता कांड में गिरफ्तार हुए पांच किरदारों के बारे में जानते हैं… किरदार नंबर 1, संजय रॉय:- कोलकाता में हुए डॉक्टर रेप-मर्डर केस में संजय रॉय मुख्य आरोपी के रूप में सामने आया है। जांच में पता चला है कि संजय ने अकेले ही इस वारदात को अंजाम दिया था। सीबीआई के पास संजय के खिलाफ 53 से अधिक सबूत हैं, जो उसकी अपराध में संलिप्तता को साबित करते हैं। संजय, जो कोलकाता पुलिस में सिविक वॉलंटियर के तौर पर काम करता था, फिलहाल न्यायिक हिरासत में है। कोलकाता पुलिस ने उसे वारदात वाले दिन सुबह ही गिरफ्तार कर लिया था। किरदार नंबर 2, संदीप घोष:- कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष को सोमवार को भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार किया गया। अस्पताल के पूर्व उपाधीक्षक डॉ. अख्तर अली ने संदीप घोष के खिलाफ वित्तीय अनियमितताओं की शिकायत दर्ज कराई थी। आरोपों में लावारिस शवों की तस्करी, बायो-मेडिकल कचरे के निपटान में भ्रष्टाचार, और निर्माण निविदाओं में भाई-भतीजावाद शामिल हैं। सीबीआई इन आरोपों की गहराई से जांच कर रही है। किरदार नंबर 3, बिप्लव सिंह:- आरजी कर मेडिकल कॉलेज और
अस्पताल में हुए भ्रष्टाचार के मामले में बिप्लव सिंह एक सह आरोपी है। वह “मां तारा ट्रेडर्स” का मालिक भी है, जिसके नाम पर इस मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। बताया जा रहा है कि बिप्लव के पिता पहले मेडिकल कॉलेज में काम कर चुके थे। अपने पिता के संबंधों का फायदा उठाते हुए बिप्लव ने पहले अस्पताल में पोस्टर और बैनर बनाना शुरू किया और बाद में दवाइयों की सप्लाई का काम भी करने लगा। इन सबके जरिए वह भ्रष्टाचार में लिप्त हो गया। किरदार नंबर 4, सुमन हाजरा:- सुमन हाजरा, जो आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में मटेरियल की सप्लाई का काम करता था, और संदीप घोष बहुत अच्छे दोस्त हैं। सुमन हाजरा सरकारी दवाओं और मेडिकल उपकरणों की खरीद कर उन्हें दोबारा बाजार में बेचने का काम करता था। उसकी “हाजरा मेडिकल शॉप” नाम की एक दुकान भी है। सुमन और बिप्लव सिंह, जो कि भ्रष्टाचार के मामले में सह आरोपी हैं, एक ही मोहल्ले में रहते हैं। सुमन और बिप्लव, दोनों संदीप घोष के करीबी सहयोगी और भ्रष्टाचार में उसके हमराज रहे हैं। किरदार नंबर 5, अफसर अली खान:- संदीप घोष के करीबी सहयोगियों में अफसर अली खान का नाम भी शामिल है। अस्पताल के पूर्व उपाधीक्षक, डॉ. अख्तर अली ने बताया था कि संदीप घोष अपनी सुरक्षा के लिए प्राइवेट सिक्योरिटी रखता था, जिसमें संजय रॉय के साथ अफसर अली खान भी बाउंसर के रूप में काम करता था। अफसर न केवल सुरक्षा में शामिल था, बल्कि वह आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में होने वाली वित्तीय अनियमितताओं में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता था। वह संदीप का खास हमराज और भरोसेमंद साथी माना जाता है। 19 अगस्त को कोलकाता पुलिस ने संदीप घोष और अन्य तीन आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 120बी (आपराधिक साजिश), धारा 420 (धोखाधड़ी), और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 7 के तहत केस दर्ज किया था। इसके बाद, 24 अगस्त को कोलकाता हाई कोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई ने मामले की जांच अपने हाथ में ले ली। इन्हीं धाराओं के तहत आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है। इस मामले में मां तारा ट्रेडर्स, मध्य झोरेहाट, बानीपुर, हावड़ा; ईशान कैफे, 4/1, बेलगछिया; और खामा लौहा भी आरोपी हैं, जिन पर भ्रष्टाचार और वित्तीय अनियमितताओं में शामिल होने के आरोप हैं।