बलूचिस्तान में प्रतिरोध की शुरुआत 1948 में पाकिस्तान सरकार के खिलाफ हुई थी, जो आज भी जारी है और इन दिनों चरम पर है। बलूचिस्तान लिबरेशन फोर्स (BLA) पाकिस्तानी फौज पर पूरी ताकत से हमले कर रही है, जिससे पाकिस्तान की शहबाज सरकार की चिंताएँ बढ़ गई हैं। इसी बीच 31 वर्षीय बलूची महिला महरंग बलोच ने अपने अहिंसात्मक आंदोलन के जरिए पाकिस्तान की सरकार के लिए नई चुनौतियाँ खड़ी कर दी हैं। महरंग बलोच शांति और अहिंसा के साथ आंदोलन को आगे बढ़ाने में विश्वास रखती हैं। भाई के अपहरण ने बदली महरंग की जिंदगी 2006 से महरंग बलूचिस्तान में हो रहे अपहरणों का विरोध कर रही हैं।
2017 में उनके भाई का अपहरण कर लिया गया था, जिसने महरंग की जिंदगी को पूरी तरह बदल दिया। इस घटना के बाद, उन्होंने पाकिस्तान सरकार के खिलाफ अभियान चलाने और विरोध प्रदर्शन करने का निर्णय लिया। 2018 में उनके भाई की रिहाई के बाद, महरंग ने 2019 में बलूच यकजेहती समिति (BYC) की स्थापना की, जिसके तहत उन्होंने लापता लोगों के समर्थन में आंदोलन शुरू किया। धमकियों के बावजूद, महरंग ने कभी भी अपने कदम पीछे नहीं खींचे और अपने संघर्ष को जारी रखा।