काशी के जीआई उत्पादों की शृंखला में एक और उत्पाद जुड़ने जा रहा है। बनारस में मिट्टी से तैयार होने वाली तीली की लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति को जीआई पंजीकरण के लिए फाइल किया गया है। इसके साथ ही लखनऊ क्ले क्राफ्ट और मेरठ बिगुल भी जीआई पंजीकरण के लिए चेन्नई स्थित जीआई रजिस्ट्री कार्यालय भेजा गया है। जीआई को लेकर देश भर में काम कर रही काशी की ह्यूमन वेलफेयर एसोसिएशन की ओर से काशी से लद्दाख तक के उत्पादों का परीक्षण किया जा रहा है।
जीआई उत्पादों के लिए काशी पूरे देश का सबसे बड़ा केंद्र बन चुका है। यहां अब तक 32 जीआई उत्पाद शामिल हो चुके हैं। ह्यूमन वेलफेयर एसोसिएशन ने 12 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश के मात्र 5 महीने में 80 जीआई आवेदन जमा किए। वाराणसी और आसपास के जनपदों में अभी भी 34 जीआई टैग के साथ भारत नहीं बल्कि पूरे विश्व में एक भूभाग में सर्वाधिक जीआई का गौरव प्राप्त है।