माखन नगर ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले जनजाति बालक साला आश्रम सिद्ध पुर विवादों में है। यहां आदिवासी बच्चे इस उम्मीद के साथ दाखिल हुए थे कि उनको शासन की सुविधाएं प्राप्त होगी मगर अधीक्षक अनीता पटेरिया और उनके पति जबरदस्त फर्जीवाड़ा कर रहे हैं। बता दे की जो छात्रावास में योजनाएं आ रही हैं उनके फर्जी बिल लगाए जा रहे हैं यह फर्जीवाड़ा अधीक्षक 2 साल से कर रही है और मिलीभगत संरक्षण के चलते इन पर कोई कार्यवाही नहीं हो रही है। साथ ही अभिभावक शेर सिंह भूरेलाल श्यामा बाई व सैकड़ों आदिवासी लोगों ने बताया की छात्रावास में मेन्यू के अनुसार भोजन नहीं दिया जा रहा है। बच्चों से कपड़े बर्तन साफ कराए जा रहे हैं। वही छात्रावास परिसर में गंदगी का आलम व्याप्त है। गद्दा रजाई सब गंदगी में पड़े हैं। इससे बच्चे लगातार बीमार हो रहे हैं। अधीक्षक की इस कार्यप्रणाली के चलते लोग नाराज हैं लोगों ने यह भी बताया की अगर किसी अन्य विभाग के अधिकारी से इस सिद्धपुर आश्रम की जांच होगी तो लाखों रुपए का फर्जीवाड़ा उजागर होगा। कई अभिभावकों ने बताया की जब लाखों रुपए आ रहे है तो यह लोग बच्चों का इस प्रकार शोषण क्यों कर रहे हैं। अब क्षेत्र का आदिवासी समुदाय अधीक्षक और उनके पति सूरज की संदिग्ध कार्यप्रणाली और फर्जीवाड़े की शिकायत शीघ्र ही जाकर जिला कलेक्टर महोदय होशंगाबाद को की जाएगी लोगों ने उचित जांच की मांग की है और उन्हें यहां सिद्धपुर आश्रम से हटाकर अन्य जगह पदस्थ किए जाने की भी मांग की है।
Posted inuttarpradesh