भारतमाला परियोजना में कैमूर जिले के किसानों की भूमि अधिग्रहित की गई है। लेकिन उन्हें कम दाम पर मुआवजा देने की प्रशासन के द्वारा तैयारी चल रही है। इसके विरोध में लगातार 2 वर्षों से किसान विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। वही जानकारी देते हुए किसान नेता विमलेश पांडेय ने कहा कि जब तक किसानों को उनके भूमि का उचित मुआवजा नहीं मिलेगा तब तक आंदोलन जारी रहेगा। वहीं उन्होंने कहा कि विस सूत्रीय का मुझे सदस्य बनाया गया है विस सूत्रीय की बैठक में पहला सवाल किसानों को उचित मुआवजा देने का होगा यदि हमारी मांगों को नहीं माना जाता है और उसका अनदेखी किया जाता है तो हम अपने पद से इस्तीफा देने के लिए भी तैयार हैं। लेकिन जब तक किसानों को उनके भूमिका उचित मुआवजा नहीं मिल जाता है हम कैमूर जिले के सभी किसान एकजुट होकर लड़ाई लड़ते रहेंगे।
हम लोग लगातार 72 दिनों तक बरसात और ठंड के मौसम में धरना पर बैठे हुए थे इसी बीच आचार संहिता लागू होने के बाद जिलाधिकारी कैमूर सावन कुमार एवं अन्य पदाधिकारी द्वारा हम लोगों के पास पहुंचे और वहां पर हम लोगों के आंदोलन में बैठकर कुछ समय दिए इसके बाद उनके द्वारा आश्वासन दिया गया कि आचार संहिता लागू है आप लोग अपना अनशन प्रदर्शन समाप्त कर दीजिए इसके बाद जो भी होगा हम लोग आप लोगों का भरपूर सहयोग करेंगे। कैमूर जिले में आर्बिट्रेटर बहाल किया जाएगा लेकिन चुनाव बीतने के बाद प्रशासनिक पदाधिकारी फिर पुराने मूड में दिखने लगे हैं किसानों की समस्या का किसी को कोई ख्याल नहीं है। वही अभी तक कैमूर जिले में आर्बिट्रेटर बहाल नहीं हुआ है इस समय कर्मचारी गांव गांव जाकर के कैंप लगाकर लोगों से उनके जमीन का दस्तावेज मांग रहे हैं लेकिन किसान उन्हें अपने भूमि का दस्तावेज नहीं दे रहे हैं।