धनबाद में धरना: बांग्लादेश में हिन्दुओं पर अत्याचार रोकने की मांग

धनबाद में धरना: बांग्लादेश में हिन्दुओं पर अत्याचार रोकने की मांग

Dharna in Dhanbad: Demand to stop atrocities on Hindus in Bangladesh | #dhanbad #bangladeshprotest रिपोर्टर- गोविन्द कुमार दिनांक : 13.08.2024 बांग्लादेश के हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचार एवं हत्याएं रोकने के लिए भारत सरकार द्वारा तत्काल सख्त कार्रवाई की जाए ! धनबाद के रणधीर वर्मा चौक पर हिन्दू राष्ट्र समन्वय समिति ने एक दिवसीय धरना आंदोलन द्वारा की मांग ! धनबाद : बांग्लादेश में आरक्षण के खिलाफ चल रहे आंदोलन के हिंसक रूप लेने के बाद बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अपना इस्तीफा सौंप दिया। आरक्षण के मुद्दे पर शुरू हुआ आन्दोलन अब हिंदुओं के खिलाफ हो गया है। प्रदर्शनकारी हिंदुओं को निशाना बना रहे हैं और जानबूझकर हत्याएं की जा रही हैं। हिंदू घरों पर हमले, दुकानों की लूट, तोड़फोड़, मंदिरों में आगजनी और बलात्कार लगातार हो रहे हैं।

इससे अल्पसंख्यक हिन्दू समुदाय में भय का माहौल पैदा हो गया है। भले ही बांग्लादेश की सेना ने हिंदुओं की रक्षा करने का वादा किया है, लेकिन भारत सरकार को इस पर भरोसा नहीं करना चाहिए और वहां के हिंदू समुदाय और मंदिरों की रक्षा के लिए तत्काल कदम उठाने चाहिए। ऐसी मांग हिन्दू राष्ट्र समन्वय समिति ने आन्दोलन के माध्यम से की है। यह आन्दोलन धनबाद के रणधीर वर्मा चौक पर किया गया। इस आंदोलन में इस्कॉन, विश्व हिन्दू परिषद् , राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ, तरुण हिन्दू, आर्य समाज, हिन्दू जनजागृति समिति, सनातन संस्था के साथ अन्य हिन्दुत्वनिष्ठ संगठन भी सहभागी थे। समन्वय समिति ने निम्न मुद्दों पर मा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी से मांगे की है – सबसे पहले बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमले, घरों की लूट, मंदिरों पर हमले, मूर्तियों की तोड़फोड़, महिलाओं पर अत्याचार रोकने के लिए वहां की सेना को कठोर निर्देश दिए जाएं। बांग्लादेश में हिंदुओं पर बढ़ते हमलों को देखते हुए वहां के हिंदुओं को सुरक्षित स्थान पर ले जाया जाए और उन्हें तुरंत सुरक्षा प्रदान की जाए। अब तक वहां के हिंदुओं की जो जान या संपत्ति की हानि हुई है, उसकी तुरंत भरपाई की जाए। भारत सरकार को इस विषय को तुरंत ‘संयुक्त राष्ट्र संघ’ में उठाकर बांग्लादेश में संयुक्त राष्ट्र संघ के प्रतिनिधिमंडल को भेजने की मांग करनी चाहिए। बांग्लादेश में हिंसा के कारण जो हिंदू विस्थापित होकर भारत में शरण मांग रहे हैं, उन्हें ‘नागरिकता संशोधन अधिनियम’ (सीएए) के माध्यम से भारत सरकार शरण दे। साथ ही पहले से ही लगभग 5 करोड़ बांग्लादेशी घुसपैठिए भारत में घुसे हुए हैं, इस घटना के बाद फिर से इस घुसपैठ की संभावना को देखते हुए भारतीय सीमा पर कड़ा बंदोबस्त किया जाए।

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