भाजपा सरकार द्वारा पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर बड़े-बड़े घोषणाये एवं नियम बनाए जा रहे हैं ताकि पत्रकार सुरक्षित रहे और जनता की आवाज को शासन प्रशासन तक पहुंचा सके लेकिन आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र ढीमरखेड़ा में सरकार के आदेश का असर, बेअसर नजर आ रहा है क्योंकि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ढीमरखेड़ा की चरमराई व्यवस्थाओं को पत्रकारों के द्वारा कवरेज करने से रोक कर एवं दबाव बनाने के लिए झूठे हरिजन एक्ट मैं फसाने के लिए धमकाया जा रहा है लगातार पत्रकारों को कवरेज से रोकने एवं झूठे आरोप लगाकर थाने में एफआईआर करने की घटना को देखते हुए ढीमरखेड़ा श्रमजीवी पत्रकार संघ द्वारा एसडीएम को राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा गया ढीमरखेड़ा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ आयुर्वेद डॉक्टर जितेंद्र बंसल जिसकी नियुक्ति डेढ़ वर्ष से ढीमरखेड़ा में है इनके द्वारा इलाज में घोर लापरवाही की जा रही है वर्तमान में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मैं 1 सप्ताह के अंदर दो नवजात शिशु की मौत भी हुई है जिसका कवरेज पत्रकारों द्वारा करने पर आयुर्वेद डॉक्टर जितेंद्र बंसल द्वारा दबाव बनाने हेतु थाने में हरिजन एक्ट एवं विभिन्न प्रकार की शिकायतों की धमकी देते हुए पत्रकारों को धमकाया जा रहा है साथ ही जितेंद्र बंसल द्वारा हरिजन एक्ट के साथ लोकसेवक एक्ट लगवाने की भी धमकी दी जाती है जिससे पत्रकार संगठन आहत होकर उनके ऊपर कार्यवाही एवं स्थानांतरण की मांग कर रहा है। इसी के चलते महामहिम जी से निवेदन है ऐसे स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी जिनके द्वारा पत्रकारों से अभद्र व्यवहार करना एवं उनके कार्यकाल में बच्चों की मौत हो जाना जांच का विषय है मामले की जांच कराते हुए आयुर्वेद डॉक्टर जितेंद्र बंसल के ऊपर कारवाही के साथ-साथ ढीमरखेड़ा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से अन्यत्र स्थानांतरण किया जाए इस संबंध में ढीमरखेड़ा एसडीएम नदीमा सीरी ने बताया कि आयुर्वेद चिकित्सक स्वास्थ्य केंद्र में सेवाएं नहीं दे सकता है बीएमओ से चर्चा कर मामले के संबंध में जानकारी लेकर नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी
Posted inMadhya Pradesh