फिल्म की कहानी अच्छी होनी चाहिए, फिर प्रोडक्शन हाउस बड़ा हो या छोटा, फीस कितनी मिल रही है, इससे फर्क नहीं पड़ता है। यह मानना है अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी का। पिछले दिनों फिल्मकार करण जौहर ने कहा था कि ज्यादा फीस मांगने वाले बड़े कलाकारों को अपने बॉक्स ऑफिस की समीक्षा करके फिर फीस मांगनी चाहिए।
नए निर्माता-निर्देशकों के साथ काम करने वाले नवाजुद्दीन खुद को बड़े कलाकारों से अलग मानते हैं। बातचीत में वह कहते हैं कि हां, मैं करण की इस बात को मानता हूं। लेकिन मैं यह भी कहूंगा कि जो अपनी समीक्षा नहीं करते हैं या ज्यादा पैसे डिमांड
करते हैं, उनको मत लो। उन्हें फिर क्यों लेते हैं। मुझे खुद की समीक्षा की जरूरत इसलिए महसूस नहीं होती है, क्योंकि मैं इतनी फीस लेता ही नहीं हूं।
आगे बोले कि जितने बजट में बड़े प्रोडक्शन हाउस की फिल्में बनती हैं, उसमें वाकई कलाकारों को समीक्षा करने की जरूरत है, क्योंकि लागत निकालकर देना उनकी जिम्मेदारी है। मैं खुद को इस रेस में नहीं मानता हूं। मुझे अपनी वास्तविकता पता है। मैं कोई आडंबर नहीं कर रहा हूं। यह सच है। मेरी ज्यादातर फिल्में छोटे बजट की होती है। वह लागत आराम से थिएटर रिलीज, ओटीटी और सैटेलाइट राइट्स से निकल आती है।