शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने और देश छोड़ने के बाद भी बांग्लादेश की स्थिति काबू में नहीं है. अभी बांग्लादेश में सेना का शासन है. वहां की हालत तेजी से बदल रहा है. ऐसे में भारतीय कंपनियों (Indian Companies in Bangladesh) पर भी बांग्लादेश की हालत का असर पड़ सकता डाबर से लेकर ट्रेंट तक कई भारतीय कंपनियों का बांग्लादेश में बाजार या
सप्लाई चेन कंपोनेंट के रूप में भागीदारी है.बांग्लादेश में जिन भारतीय कंपनियो ने निवेश किया है, उसमें मैरिको, इमामी, डाबर, एशियन पेंट्स, पिडिलाइट, गोदरेज, सन फार्मा, टाटा मोटर्स और हीरो मोटोकॉर्प शामिल हैं. संकट के और बढ़ने से इन कंपनियों पर डायरेक्ट और इनडायरेक्ट असर होगा.