सावन के शनिवार को दो युवकों ने ताजमहल में गंगाजल चढ़ाने का प्रयास किया। वे पानी की बोतल में गंगाजल लेकर आए थे और मुख्य मकबरे के तहखाने के दरवाजे पर गंगाजल चढ़ाया। तहखाने में स्थित कब्रों तक जाने के लिए दरवाजे से सीढ़ियां बनी हुई हैं। इस घटना के बाद सीआईएसएफ ने युवकों को पकड़ लिया और आगे की कार्रवाई शुरू कर दी।
हिंदूवादी संगठन ताजमहल को शिव मंदिर तेजोमहालय मानते हैं और इस विचार को लेकर कई याचिकाएं अदालत में विचाराधीन हैं। सावन के महीने में, विशेषकर सावन के सोमवार को, ताजमहल को हिंदू मंदिर मानते हुए उसकी आरती और जलाभिषेक करने की मांग समय-समय पर उठती रही है। इस मांग के पीछे ताजमहल को एक प्राचीन हिंदू मंदिर के रूप में प्रस्तुत करने का उद्देश्य है। कुछ वर्ष पूर्व तक सावन के सोमवार को शिवसैनिक यमुना किनारे से ताजमहल की आरती उतारते थे, जिसे एक धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधि के रूप में देखा जाता था। यह परंपरा ताजमहल को शिव मंदिर के रूप में प्रतिष्ठित करने के उद्देश्य से की जाती थी। इस तरह की गतिविधियों और दावों से ताजमहल की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक मान्यता पर प्रश्नचिह्न लगते रहे हैं।