भगवान भाव के भूखे होते हैं और महादेव तो महज एक लोटा जल से ही भक्तों पर रीझ जाते हैं। ऐसी ही मान्यता है कैथी मार्कंडेय महादेव की। श्रीराम नाम लिखा बेलपत्र और एक लोटा जल चढ़ाने से भक्तों की मनोकामना पूरी करते हैं मार्कंडेय महादेव। यही कारण है कि बनारस ही नहीं पूरे पूर्वांचल से शिवभक्तों का तांता यहां लगा रहता है।
मार्कंडेय महादेव मंदिर में त्रयोदशी (तेरस) का भी बड़ा महत्व होता है। शहर से लगभग 30 किलोमीटर दूर गंगा-गोमती के संगम पर कैथी में मार्कंडेय महादेव का मंदिर है। सावन के महीने में तो यहां मेला लगता है और दूर-दराज से भक्त एक लोटा जल और रामनाम लिखा बेलपत्र चढ़ाने के लिए यहां पहुंचते हैं।