कर्नाटक सरकार ने शुक्रवार को रामनगर जिले का नाम बदलकर बेंगलुरु साउथ करने का फैसला किया। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला किया गया। कानून एवं संसदीय कार्य मंत्री एच के पाटिल ने कहा, ‘‘हमने रामनगर जिले का नाम बदलकर बेंगलुरु साउथ करने का निर्णय लिया है… यह वहां के लोगों की मांग पर किया गया है। राजस्व विभाग इस प्रक्रिया को शुरू करेगा।’’ ‘सिर्फ जिले का नाम बदलेगा, बाकी सब वही रहेगा’ मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक के बाद पत्रकारों को जानकारी देते हुए पाटिल ने कहा, ‘‘केवल जिले का नाम बदलेगा, शेष सभी नाम (तालुकाओं के) वही रहेंगे।’’ उन्होंने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद पत्रकारों से कहा, ‘‘सिर्फ जिले का नाम बदलेगा, बाकी सब वही रहेगा।’’ राजधानी बेंगलुरु से लगभग 50 किलोमीटर दूर स्थित रामनगर कस्बा बेंगलुरु साउथ जिले का मुख्यालय बना रहेगा। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘रामनगर के लोग ब्रांड बेंगलुरु के अंतर्गत आना चाहते हैं। जिले के लोगों और कुछ प्रमुख हस्तियों की राय है कि वे ब्रांड बेंगलुरु चाहते हैं।’’
नाम बदलने का केंद्रीय मंत्री ने किया विरोध वहीं, केंद्रीय मंत्री और भाजपा सांसद प्रह्लाद जोशी ने इस फैसले का विरोध करते हुए कहा कि इससे साबित हो गया है कि कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस की सरकार राम विरोधी है। उन्होंने प्रस्ताव को वापस लेने की मांग करते हुए कहा कि यदि कर्नाटक सरकार प्रस्ताव वापस नहीं लेती है तो भाजपा इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेगी। प्रहलाद जोशी ने कहा, इससे पता चलता है कि उन्हें राम और राम मंदिर से एलर्जी है, यहां तक कि राम के नाम से भी उन्हें काफी एलर्जी है। जब हम राम मंदिर बना रहे थे, तब भी वे ऐसा ही करते थे, लेकिन रामनगर का नाम बदलने के फैसले से कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस सरकार ने साबित कर दिया है कि वे राम के खिलाफ हैं।