सावन के महीने में फिर उठा तेजोमहालय का मुद्दा 

सावन के महीने में फिर उठा तेजोमहालय का मुद्दा 

आगरा का ताजमहल क्या तेजोमहालय है… अब ये चर्चा का विषय बनता जा रहा है, सावन के महीने में शिवभक्त शिवालयों में जलाभिषेक कर रहे हैं, कुछ ऐसी ही मांग को लेकर सावन के महीने में जलाभिषेक के लिए योगी यूथ ब्रिगेड के प्रदेश अध्यक्ष कुंवर अजय तोमर ने कोर्ट में याचिका दायर की है. याचिकाकर्ता का दावा है कि यहां तेजोमहालय है यानी यहां शिव का मंदिर है. याचिकाकर्ता की मांग है कि उन्हें यहां पूजा अर्चना करने से ना रोका जाए, वैसे याचिकाकर्ता का दावा ये भी है कि यहां बारहवीं सदी में ये यमुना नदी के किनारे मंदिर बनाया गया था. दावा ये भी है कि मुगल काल में शाहजहां ने राजा मानसिंह से

ताजमहल तेजोमहालय को हड़प लिया था, याचिकाकर्ता कुंवर अजय तोमर का कहना था कि ताजमहल में शाहजहां और मुमताज की कोई कब्र नहीं है, यह एक सफेद झूठ है मुमताज का निधन 1631 में हो गया था जबकि ताजमहल का निर्माण कार्य 1632 में शुरू हुआ था तो किसी भी मृत शव को 1 साल बाद नहीं दफनाया जाता. जबकि असल में मुमताज को मध्य प्रदेश के बुरहानपुर में ताप्ती नदी के किनारे दफनाया गया था, जहां आज भी उसकी कब्र के साक्ष्य मौजूद है. याचिकाकर्ता के वकील के मुताबिक 04 मार्च 2024 को याचिका दायर की गई थी जिसे न्यायालय द्वारा धारा 80 सीपीसी की छूट न देते हुए खारिज कर दिया था लेकिन अब नए सिरे से एक बार फिर कानूनी जंग शुरू होने के आसार दिख रहे हैं.

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