हादसे के बाद घायलों की चीखें और दर्दनाक दृश्य। सिहरन से भर देने वाला अनुभव

हादसे के बाद घायलों की चीखें और दर्दनाक दृश्य। सिहरन से भर देने वाला अनुभव

समय दोपहर दो बजे। मनकापुर के पिकौरा गांव में हर ओर गुरुवार को हुए रेल हादसे की चर्चा थी। खौफनाक मंजर, बिखरी पड़ी लाशें और घायलों की चीत्कार याद कर ग्रामीण सिहर जाते हैं। किशोर व युवाओं ने ऐसा मंजर पहली बार देखा था, जहां सिर्फ मदद की पुकार थी। शुक्रवार को सभी घटना को लेकर गमगीन दिखे। गांव छावनी में तब्दील दिखा। रेल अधिकारी व

पुलिस के जवान लोगों से पूछताछ करते दिखाई पड़े। उमस भरी गर्मी में पूर्वोत्तर रेलवे की महाप्रबंधक सौम्या माथुर सहित दूसरे रेल अधिकारी छाता के सहारे धूप के प्रभाव से बचने का जतन करते दिखे। श्रमिक रेल लाइन चालू करने के लिए धूप व उमस के बीच काम में तल्लीन थे तो निगरानी भी तेज थी। सीताराम के दरवाजे पर तख्त पर लोग चर्चा कर रहे थे। पुलिस अधीक्षक विनीत जायसवाल उनके दरवाजे पर पहुंच गए। पानी पीने के साथ ही वहां उपस्थित लोगों से घटना की जानकारी प्राप्त की।

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