ग्राम पंचायतों में विकास कार्य की जिम्मेदारी प्रधान और पंचों की होती है। इसके लिए हर पांच साल में ग्राम प्रधान का चुनाव होता है, लेकिन ग्रामीण जनता को अपने अधिकारों और ग्राम पंचायत के नियमों के बारे में पता नहीं होता ग्राम पंचायत के कार्यजिनसे अनजान नजर आते सरपंच नरसिंहपुर जिले में पंचायती राज्य की व्यवस्थाओं को दरकिनार कर अपने मनमर्जी करते सरपंच को नहीं आ रहा जिम्मेदारियां निभाना ऐसी स्थिति में ग्रामीण आम जनता परेशान हो रही है और पंचायत प्रतिनिधि अपनी मनमर्जी करने पर उतारू है जिसके कारण ग्राम पंचायत के लोग मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे है ग्रामीणों ने जब हमारे मीडिया प्रतिनिधि के सामने उनके दर्द भरी दास्तां बयां की ओर देखा गया लोग आज भी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं. गांव में न तो सड़क है और न ही शौचालय इससे लोगों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है गांव की दलित बस्ती से लेकर अन्य रास्तों पर पहुंचने के लिए रास्ता ही खत्म हो गया क्योंकि पूरे रास्ते पर पानी और कीचड़ है. वाहनों के
निकलने से पांच साल पहले बनी सड़क बनने के तीन महीने बाद ही टूट गई, थी तब से हालात जस के तस बने हुए हैं. इस बात पर ना ही प्रशासन ध्यान दे रहा है और ना ही सरपंच कोई बात सुनने को तैयार है. ऐसे में ग्रामीण गंदगी भरे माहौल में रहने को मजबूर हैं. गांव के लोगों का कहना है कि गांव का सरपंच अपने लोगों को फायदा पहुंचाता है. जहां प्रधानमंत्री देश भर में स्वच्छता अभियान के तहत हर घर शौचालय बनवा रहे हैं वहीं सरपंच ने गांव में शौचालयों का निर्माण भी नहीं कराया है. ग्रामीण आज भी खुले में शौच करते हैं. प्रशासन गांव के विकास के लिए कोई कदम नहीं उठा रहा है ना ही ग्रामीणों की समस्याओं का निराकरण कर रहे हैं. भ्रष्टाचार की भेंट चढें सिरेगाव पंचायत के ग्रामीण मैं यह भी बताया कि मनरेगा योजना में कहीं नाबालिकों के मस्टररोल तो कहीं वृद्धो के मस्टरोल चला कर रोजगार सहायक के द्वारा पैसे निकाल कर हड़प लिए गए और जमीन स्तर पर कार्य नहीं किया गया भूमि समतलीकरण नाला गरीकरण आदि कार्यों में भारी भरकम राशि निकालकर भ्रष्टाचार तीनों जनप्रतिनिधियों की थाली में परोस लिया आंगनबाड़ी के पास साफ सफाई के नाम पर वा अन्य कई कार्यो में फर्जी बिल लगाकर राशि का गवन किया गया है देखना यह होगा कि प्रशासनिक अमला क्या कार्रवाई कर दोषियों को दंडित करता है या मामले को रफा दफा