सरकार ने भारत में मोबाइल सेवा शुल्कों में वृद्धि के बारे में हाल ही में चिंताओं को संबोधित किया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि दूरसंचार बाजार कई खिलाड़ियों के साथ आपूर्ति और मांग के आधार पर संचालित होता है। इसमें तीन निजी कंपनियां और एक सार्वजनिक क्षेत्र की सेवा प्रदाता शामिल है। यहां हम प्राइवेट कंपनियां यानी Jio, Airtel और VI की बात कर रहे हैं, जिन्होंने हाल ही में अपने टैरिफ प्लान की कीमत बढ़ाई है। वहीं पब्लिक क्षेत्र के प्रोवाइडर में BSNL को गिना जाता है। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण यूजर्स को आश्वस्त करता है कि मूल्य निर्धारण स्वतंत्र निकाय द्वारा निर्धारित विनियमों का पालन करते हुए बाजार की ताकतों द्वारा निर्धारित किया जाता है।
इसका मतलब है कि सरकार सीधे मूल्य निर्धारण को नियंत्रित नहीं करती है, लेकिन ट्राई उपभोक्ताओं के लिए निष्पक्षता की देखरेख करती है।वर्तमान मूल्य वृद्धि दो साल की अवधि के बाद हुई है, जिसके दौरान दूरसंचार सेवा प्रदाताओं ने देश भर में 5G बुनियादी ढांचे को रोल आउट करने में भारी निवेश किया है। इस निवेश से महत्वपूर्ण परिणाम मिले हैं। इसमें औसत मोबाइल स्पीड में 100 एमबीपीएस की उछाल और भारत की वैश्विक मोबाइल इंटरनेट स्पीड रैंकिंग में नाटकीय सुधार हुआ है। हमारा देश अक्टूबर 2022 में 111वें स्थान से आज 15वें स्थान पर पहुंच गया है।