बहराइच शासन के आदेश के बाद सभी गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वे शुरू कर दिया गया है जिसको लेकर अधिकारियों की एक टीम बहराइच के मदरसों की जांच कर रही है। वही गैर मान्यता प्राप्त मदरसों की जांच की जा रही है जांच के दौरान अधिकारियों की जांच टीम बहराइच के सबसे पुराना मदरसा नूर उल उलूम में पहुंची जहां उन्होंने पहुंचकर मदरसे की फंडिंग कहां से हो रही है बस की व्यवस्था क्या है और मदरसे में कहां-कहां के बच्चे पढ़ रहे हैं और कितने बच्चे पढ़ रहे हैं इन बातों की जांच की। हालांकी अधिकारियों द्वारा बताया गया कि जांच के दौरान मदरसे में सब कुछ संतोषजनक पाया गया। वही मदरसे में पढ़ने वाले छात्राओं से जब बात की गई तो पता चला की दीनी तालीम के साथ बच्चों को दुनियावी तालीम भी दी जा रही है जैसे कि उन्हें हिंदी इंग्लिश भी पढ़ाया जा रहा है मदरसे के प्रबंधक कारी जुबैर साहब से बात की गई तो उन्होंने बताया कि मदरसे की स्थापना 1931 में हुई थी जिले में मदरसे की बड़ी अहमियत है।
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