बता दे की देवघर जिले के सारवाँ प्रखंड स्थित सारवाँ पंचायत के ही पाचुडीह ग्राम के किसान की स्थिति काफी दैन्य हो गई है बता दें कि कुछ कुंचित मानसिकता रखने वाले दुकानदारों ने अपने लाभ को देखते हुए किसानों को थर्ड ग्रेड का बीच देने का काम किया जिससे पाचुडीह के दर्जनों किसान आत्महत्या करने के कगार पर पहुंच चुकी है आखिर इसका जिम्मेदार कौन है सवाल उठना लाजमी होता है कि किसान सबका भरण पोषण करते हैं लेकिन अवस्था ऐसी हो गई है कि कुंचित मानसिकता
रखने वाले लोग अब किसीको भी नहीं छोड़ रहे हैं देखें जब पत्रकार ग्राउंड रिपोर्टिंग करने धरातल पर पहुंची तो कई ऐसे चौंकाने वाले दृश्य सामने आए हैं जिससे सवाल अब यह उठता है कि इन किसानों का सुध कौन लेगा और इन सबों का समस्या का समाधान कैसे होगा क्या यह करप्शन का खेल ऐसे ही जारी रहेगा और इन कुंचित मानसिकता रखने वाले लोगों का मनोबल क्या हमेशा सातवें आसमान पर चड्ढा रहेगा झारखंड की खबर यह सवाल पूछता है कि हमारा झारखंड आखिर किस दिशा में जा रहा है आईए देखते हैं क्या बोलते हैं पाचुडीह के किसान