कैंपा कोला का पुराना रुतबा लौटाएंगे मुकेश अंबानी
एंकर—:आज सॉफ्ट ड्रिंक का बाजार काफी बड़ा बन गया है। एक अनुमान के मुताबिक, अगले चार साल में यह करीब 660 अरब डॉलर की इंडस्ट्री बन सकती है। लेकिन, इतने बड़े सॉफ्ट ड्रिंक सेगमेंट में मुख्यतः दो ही अमेरिकी कंपनियों का कब्जा है, कोका कोला और पेप्सिको। कोका कोला का मार्केट कैप 266 और पेप्सिको का 244 अरब डॉलर के आसपास है।इन दोनों के दबदबे का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि तीसरे नंबर पर मौजूद केयूरिग डॉ. पेपर सिर्फ 46 अरब डॉलर है। बात करें भारत के सॉफ्ट ड्रिंक मार्केट की तो इसे लेकर अनुमान है कि 2027 तक यह 11 अरब डॉलर का होगा।हालांकि, कोई भी स्वदेशी ब्रांड दुनिया की टॉप 3 कंपनियों के आसपास भी नहीं है। लेकिन, हमेशा से ऐसा नहीं था। एक वक्त था, जब भारतीयों के पास अपना देसी सॉफ्ट ड्रिंक ब्रांड था, जिसके स्वाद का हर कोई दीवाना था। उसका नाम था, कैंपा कोला।
कैंपा कोला ने जिस जमाने में भारतीय बाजार पर राज किया, उसमें और आज के माहौल में जमीन-आसमान का अंतर है। उस वक्त उपभोक्ता सॉफ्ट ड्रिंक की ओर तेजी से आकर्षित हो रहे थे। लेकिन, अब उपभोक्ताओं का एक वर्ग अपनी सेहत को काफी गंभीरता से ले रहा है और मीठे पेय पदार्थों से दूरी बना रही है। ऐसे में रिवाइव हुए कैंपा कोला को अब बिल्कुल अलग चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा।लेकिन, एक चीज कैंपा कोला के हक में है और वह है रिलायंस का साथ। कैंपा कोला का स्वाद हमेशा से लाजवाब था। यह बस मार्केट से इसलिए बाहर हुई थी, क्योंकि इसके पास कोका कोला और पेप्सिको का मुकाबला करने के लिए पैसे नहीं थे। मगर आज कैंपा कोला के सिर पर रिलायंस ग्रुप का हाथ है। और रिलायंस के पास हर चुनौती से निपटने के लिए पैसों के साथ और क्षमता भी है