केंद्र सरकार पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने पर विचार कर रही है। अगर ऐसा हुआ तो पेट्रोल और डीजल की कीमतों में करीब 20 रुपये तक की कमी आ सकती है। पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी में शामिल करने से न सिर्फ तेल कंपनियों को इनपुट पर चुकाए गए कर को कम करने में मदद मिलेगी, बल्कि देशभर में ईंधन पर टैक्स में एकरूपता आएगी। इसका मतलब है कि पूरे देश में पेट्रोल-डीजल लगभग एक ही कीमत पर उपलब्ध होंगे।
दरअसल, जीएसटी परिषद की 53वीं बैठक में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, केंद्र सरकार पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने के लिए तैयार है। अब राज्यों को इस बारे में फैसला लेना है और साथ मिलकर इसकी दरें तय करनी हैं। अगर जीएसटी दर पर सहमति बन जाती है और पेट्रोलियम उत्पादों पर सर्वाधिक 28 फीसदी कर लगाया जाता है तो भी आम लोगों को पेट्रोल पर 19.71 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 12.83 रुपये प्रति लीटर की राहत मिलेगी। हालांकि, इससे सरकारों को कर के रूप में होने वाली कमाई पर असर पड़ सकता है।