कथा श्रवण ,गंगा आरती व धार्मिक झाकियों को देखने के लिए भारी संख्या में जुट रहे श्रद्धालु कार्यक्रम में शामिल जिला पारिषद सदस्य ने कहा कि धार्मिक अनुष्ठानों से मनुष्य के अंदर प्रेम भाव के साथ सामाजिक एकजुटता का होता है जन्म भभुआ। स्थानीय प्रखंड क्षेत्र के मरिचांव में श्री रामेष्ठ महायज्ञ 9 जून से शुरू है जिसका समापन 16 जून यानी कल विशाल भंडारे के साथ होगा। इस उपलक्ष्य में लक्ष्य हनुमान चालीसा पाठ एवं हवन,प्रतिदिन संध्या 4 बजे से कथा,7 बजे से गंगा आरती तथा इसके बाद बाहर से आए कलाकारों द्वारा धार्मिक झाकियों की प्रस्तुति की जा रही है जो श्रद्धालुओं को भाव विभोर कर रही है। जिसको देखने व सुनने के लिए भारी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ जुट रही है। इसी कड़ी में शुक्रवार की शाम बाहर से आए कलाकारों द्वारा माता सती के वियोग में भगवान शंकर द्वारा तांडव नृत्य प्रस्तुत किया गया।
कलाकारों ने तांडव नृत्य के जरिए माता सती के विरह की झांकी को जीवंत कर दिया। जो आकर्षण का केंद्र रहा। कलाकारों की कला को देख लोग भाव विभोर होकर झूम उठे। साथ ही लोग कलाकारों की खूब तारीफ करते नजर आए। इस दौरान भभुआ के जिला पारिषद विकास सिंह उर्फ लल्लू पटेल मौजूद रहे। कार्यक्रम के आयोजकvअरविंद स्वरूप ब्रह्मचारी जी एवं संयोजक विंध्याचल सिंह द्वारा उनका अंगवस्त्रों के साथ भव्य स्वागत किया गया। वहीं श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए जिला पारिषद सदस्य ने कहा कि धार्मिक अनुष्ठानों से मन की विकृतियां समाप्त होती हैं। मनुष्य के शरीर के अंदर प्रेम का भाव उत्पन्न होता है और सामाजिक एकजुटता को जन्म देता है जिससे समाज का भला होना जरुरी है। बता दें कि इस यज्ञ का आयोजन अनंत विभूषित विमल देव जी महाराज अस्सी घाट वाराणसी के तत्वाधान में आयोजित है। भगवान श्री राम के प्रिय भक्त संकट मोचन हनुमान जी का एक नाम रामेष्ठ भी है। रामेष्ठ का अर्थ है जो राम का प्रिय हो। इस अवसर पर विंध्याचल सिंह, मनोज सिंह, पारस सिंह, मिथिलेश सिंह, भारत बिन्द, टिंकू सिंह, नीरज पटेल,मोनू सिंह,सोनू सिंह, आनंद सिंह, विशाल सिंह, शिबू सिंह सहित सैकड़ो शामिल रहे।