आने वाले समय में मोबाइल और लैंडलाइन नंबर का इस्तेमाल करना महंगा हो सकता है। इसका कारण यह है कि टेलीकॉम रेगुलेटर ट्राई ने मौजूदा और नए अलॉट नंबरों का विवेकपूर्ण और कुशल उपयोग सुनिश्चित करने के लिए कंपनियों पर शुल्क लगाने का प्रस्ताव पेश किया है। ऐसा होने पर कंपनियां इस शुल्क का बोझ ग्राहकों पर डाल सकती हैं। ट्राई ने इस प्रस्ताव पर सभी हितधारकों से प्रतिक्रिया मांगी है। आपको बता दें कि इससे पहले ट्राई ने हर संस्थान के लिए एक अलग कोड वाले मोबाइल नंबर लाने का प्रस्ताव रखा था।
ट्राई ने अपने हालिया परामर्श पत्र ‘राष्ट्रीय नंबरिंग योजना का संशोधन’ में कहा है कि नंबर एक बेहद मूल्यवान सार्वजनिक संसाधन है और इनकी संख्या असीमित नहीं है। अभी तक मोबाइल और लैंडलाइन सेवाओं के लिए नंबर कंपनियों को निशुल्क आवंटित किए जाते हैं।ट्राई ने यह भी संकेत दिया है कि वह उन कंपनियों पर वित्तीय जुर्माना लगाने पर विचार करेगा जो आवंटित नंबरों को एक निर्धारित समयसीमा से अधिक समय तक उपयोग में नहीं लाते हैं।