भाजपा की अगुवाई में बनने वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की नई सरकार के लिए महत्वाकांक्षी सुधारों को आक्रामक तरीके से आगे बढ़ाना चुनौतीपूर्ण होगा। देश-दुनिया की विभिन्न रेटिंग एजेंसियों का दावा है कि कमजोर जनादेश की वजह से इन सुधारों पर कानून पारित करने में सहयोगी दल बाधा डाल सकते हैं।
इन चुनौतियों के बावजूद भूमि और श्रम कानूनों में बड़े सुधार नई सरकार के एजेंडे में बने रहेंगे, क्योंकि वह भारत के विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ाना चाहती है। हालांकि, कमजोर बहुमत के बावजूद भारत के विकास की रफ्तार कायम रहेगी।