एल बी सिंह और कुंभनाथ सिंह के रंगदारी के खिलाफ हरिश्चंद्र सिंह ने खोला मोर्चा। कोयलांचल की धरती रंगदारो,माफियाओं और अपराधियों की धरती बन कर रह गई है।जिसके वजह से बड़े बड़े व्यवसाई ,कारोबारी,और व्यापारियों ने धनबाद से न सिर्फ अपना धंधा समेट लिया बल्कि धनबाद को छोड़ कर भी चले गए ये बात किसी से छिपी नहीं है जिला प्रशासन,जनप्रतिनिधि,और लोगो की चूपी ने इसमें सहयोग ही किया है । ऐसे में कोयला व्यवसाई हरीश सिंह ने खुल कर इसका विरोध किया है और जिला उपायुक्त के तरफ से मिलने वाली सहयोग की भी प्रशंसा की है । हरीश सिंह ने बीसीसीएल के पदाधिकारियों पर भी आरोप लगाते हुए कहा है की या तो ये ठेकेदार से डरते हैं
,या फिर इनकी मिली भगत है क्योंकि बीसीसीएल के ऑफर निकालने पर ही व्यवसाई डी ओ लगाते हैं और जब कोलियरी में कोयला उठाने जाते हैं तो कोयले के स्थान पर पत्थर, या डस्ट दिखाए जाते हैं, असली कोयला ठेकेदारों के कब्जे में होते हैं जिसे उठाने की लिए उनकी अनुमति लेनी पड़ती है और अनुमति के लिए एक एक गाड़ी पर 50, 50 हजार रुपए रंगदारी कोयला व्यापारियों के द्वारा रंगदार, ठेकेदार को देना पड़ता है उन्होंने ने नाम लेते हुए कहा है कि एल बी सिंह और कुंभनाथ सिंह रंगदारी लेते हैं। वाह री लाल बाबू,और कुम्भनाथ सिंह कोयला सरकार का व्यापार किसी ओर का और रंगदारी उठाए ये लोग। प्रेस वार्ता में पत्रकारों को संबोधित करते हुए हरीश सिंह और सुनील यादव ने कहा कि इनके रंगदारी का आतंक इस कदर फैला हुआ है कि व्यापारी या तो चुप चाप इनकी शर्ते मान लेते हैं या फिर जान बचाकर भाग जाते है बीसीसीएल पदाधिकारी,स्थानीय प्रशासन, कोई भी इनके खिलाफ मुंह नही खोलता प्रस्तुत है पंकज सिन्हा की रिपोर्ट धनबाद से।