मालदीव की मौजूदा सरकार चीन की समर्थक मानी जाती है। चुनाव से पहले मालदीव में India Out का नारा लगाया गया था। इसी भारत विरोधी नारे के दम पर मालदीव में मुइज्जू की सरकार बनी थी। हालांकि मालदीव को मालूम है कि उसकी अर्थव्यवस्था का मूल आधार भारत है।
भारत से हर साल लाखों की संख्या में लोग मालदीव घूमने जाते हैं, जिससे मालदीव की लोकल इकोनॉमी को काफी बूस्ट मिलता है। लेकिन India OUT के नारे के बाद जब भारत सख्त हुआ, तो मालद्वीव को यूटर्न लेना पड़ा। भारत की सख्ती के बाद चीन का गेम पलट गया है।
मालदीव में नई सरकार बनने के बाद इंडिया आउट की जगह डिजिटल इंडिया का नारा लग रहा है। चीन के मोह को किनारे करके मालदीव भारत को अहमियत दे रहा है। मालदीव पर डिजिटल पेमेंट सिस्टम को रोलआउट किया जा रहा है। मालदीव के इकोनॉमि डेवलपमेंट एंड ट्रेड मिनिस्टर मोहम्मद सईद के भारत दौरे पर रुपे कार्ड को मालदीव में लागू करने को लेकर समझौते की रजामंदी बनी है।