कोलकाता हाई कोर्ट के जस्टिस ने आदेश को किया खारिज |

कोलकाता हाई कोर्ट के जस्टिस ने आदेश को किया खारिज |

कोलकाता हाई कोर्ट के जस्टिस तपव्रत चक्रवर्ती और जस्टिस राजेश्वरी मंथा की खंडपीठ ने बुधवार को बंगाल की ममता बनर्जी सरकार द्वारा पिछड़ा वर्ग कोटा के आरक्षण मुसलमान को दिए जाने के आदेश को खारिज कर दिया क्योंकि यह असंवैधानिक तरीके से दिया गया और अलोकतांत्रिक है। भारतीय जनता पार्टी पिछड़ा जाति मोर्चा कोलकाता हाइकोर्ट के फैसले का स्वागत करती है। इंडी गठबंधन का पिछड़ा वर्ग विरोधी चेहरा बेनकाब हो गया है। लोकसभा चुनाव में जनता इसका जवाब देगी। यह बातें गुरुवार को भाजपा धनबाद लोकसभा कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में भाजपा ओबीसी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष अमरदीप यादव ने कहा। उन्होंने कहा कि बंगाल सरकार ने पिछड़ा वर्ग को आवंटित आरक्षण से वंचित करके उसे मुसलमान के 37 उपवर्गों के बीच रेवड़ियां के जैसा बांटा , यह राजनीतिक उद्देश्य से किया गया और यह ओबीसी समाज और लोकतंत्र का अपमान है।

मुसलमान को आरक्षण के बदले बंगाल की सत्तारूढ़ व्यवस्था ने एक वस्तु और वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल किया, पिछड़ा वर्ग आरक्षण को मुसलमान को दिए जाने का क्रम में राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग को दरकिनार करते हुए आरक्षण के लिए अनुशंसित 42 में से 41 मुस्लिम समुदाय के लोगों को आरक्षण दिया गया। 1993 बंगाल ओबीसी आयोग को दरकिनार करके जो ओबीसी के थे उन्हें आरक्षण नहीं दिया गया बल्कि मुसलमान को दिया गया। भारतीय जनता पार्टी पिछड़ा जाति मोर्चा ममता बनर्जी के इस कृत्य और हाइकोर्ट के विरुद्ध दिये बयान की निंदा करती है। अमरदीप यादव ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने पिछले दस वर्षों के कार्यकाल में पिछड़े, दलित, आदिवासी, वंचित के उत्थान के लिए अनेकों कार्य किए हैं। नीट, केंद्रीय विद्यालय, नवोदय विद्यालय, सैनिक स्कूल की प्रवेश परीक्षाओं में 27 प्रतिशत आरक्षण दिया। पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत 3 लाख तक के लोन न्यूनतम व्याज पर मुहैया की जा रहा है। आजादी के बाद पहली बार 27 ओबीसी सांसदों को केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किया गया। झारखंड के पंचायत चुनाव और स्थानीय निकाय चुनाव में ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण दिया जिसे वर्तमान जेएमएम और कांग्रेस सरकार ने वंचित कर दिया। अमरदीप यादव ने नरेंद्र मोदी की पिछड़ों के हित में चलाए जा रहे 22 योजनाओं को बताया। पंकज सिन्हा की रिपोर्ट धनबाद से।

Comments

No comments yet. Why don’t you start the discussion?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *