जिले के भभुआ प्रखंड के विभिन्न पंचायत में बिहार सरकार की सात निश्चित महत्वकांक्षी योजना के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में हर घर में पानी पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया था। एंकर—: पीएचईडी विभाग के द्वारा हैंडपंप या चापाकल लगभग 4 इंच से 90 से 120 से 150 फीट बोरिंग करके पेयजल उपलब्ध कराना था। पीएचईडी विभाग के द्वारा अभियंताओं ने 60 से 70 फीट पाईप डालकर हैंडपंप चालू करवा दिया। बोरिंग दिखाया गया 100 फीट से लेकर 150 तक का बिल पास करवा लिया गया।भीषण गर्मी के कारण सभी हैंडपंप एवं चापाकल ठप्प पड़ गए। बिहार सरकार ने भ्रष्टाचार पर काबू पाने के लिए साथ निश्चित योजना के अंतर्गत सभी घरों में पानी पहुंचाने के लक्ष्य के लिए नल जल योजना लागू किया। एक नजर देखा जाए तो भभुआ प्रखंड के ग्राम पंचायत बहुअन के झगईडिहरा गांव एवं ग्राम पंचायत महुआरी के मचहलपुर गांव मैं सैकड़ो अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोग पानी अभाव- में दर-दर भटक रहे हैं।
चुनावी समर भीषण गर्मी में चरम सीमा पर है अंतिम दौर में मतदान होना है लेकिन आजादी के 75 वर्षों बाद भी देश के नायक लोग भ्रष्टाचार पर काबू नहीं पा सका। सच मायने में देखा जाए तो सरकार की योजना हैंडपंप चापाकल नल जल योजना शोभा की वस्तु बनकर रह गई है। कैमूर जिला पार्षद भभुआ के विकास कुमार सिंह उर्फ लल्लू पटेल मचहलपुर, झगईडिहरा सहित कई गांवों का दौरा किया तो पाया कि सैकड़ो परिवार पानी के लिए दर-दर भटक रहे हैं। उन्होंने पाया कि कैमूर के वरिष्ठ अधिकारियों के रहने के बावजूद भी उनके नागरिक अनुसूचित जाति के लोग पानी के लिए दर-दर भटक रहे हैं उन्होंने इस दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया। सैकड़ो ग्रामीण बिहार सरकार के पीएचइडी विभाग प्रखंड विकास अधिकारी ग्राम पंचायत मुखिया सरपंच सहित स्थानीय विधायक एवं सांसद से पेयजल की समस्या की मांग मजबूती से करते आ रहे हैं। पेयजल के संकट से जूझ रहे ग्रामीण कैमूर जिला पार्षद विकास सिंह उर्फ लल्लू पटेल से गुहार लगाया की समय पर पानी उपलब्ध कराया जाए। लल्लू पटेल ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया है कि यथाशीघ्र आपकी समस्याओं का निष्पादन कराया जाएगा नहीं तो लोकसभा चुनाव बाद जन आंदोलन के लिए बाध्य होंगे