औरंगाबाद जिले के देव प्रखंड क्षेत्र में एक अजूबा चीज देखने के लिए मिला जो साबित कर दिया लड़का और लड़की में कोई फर्क नहीं होता है लड़कियों का सामाजिक परंपराओं की बेड़ियों में बंधे रहने की बात अब पुरानी हो गई है। आज की बेटियों ने सामाजिक परम्पराओं की बंदिशों को तोड़ते हुए बेटों को पीछे छोड़ना शुरू कर दिया है। इसी तरह की हिम्मत दिखाई है। औरंगाबाद जिले के देव के आनंदीबाग निवासी बीना और गुड़िया ने। बीना और गुड़िया ने अपने बुजुर्ग पिता की मौत के बाद न केवल उनकी अर्थी को कंधा दिया, बल्कि शमशान तक पहुंचाते हुए लड़के लड़की की खाई को पाटने का काम किया। यूं कहे की रुंधे गले और बहते आसुओं के बीच पुरुष प्रधान समाज में बेटियों ने एक उदाहरण पेश कर बता दिया कि बेटा बेटी समान होते हैं. इस दौरान मौजूद सभी लोगों की भी आंखें नम थीं. इस दौरान मौके पर मौजूद हर शख्स बेटियों के हौसले और हिम्मत की सराहना की।
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