साइबर अपराध के मामलों में बीते कुछ सालों में तेजी दर्ज की गई है। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस यानी एआई का दायरा जैसे-जैसे बढ़ रहा है, वैसे-वैसे साइबर अपराधी ठगी करने के लिए नए-नए हथकंडों को तलाश रहे हैं। ऐसे में क्रिप्टो फिशिंग स्कैम लोगों को डिजिटल तौर पर चूना लगाने का काम कर रहा है। क्रिप्टो फिशिंग स्कैम के जरिए धोखेबाज यूजर्स की संवेदनशील जानकारी का पता लगा रहे हैं।
जालसाज चुराई गई जानकारी का इस्तेमाल डिजिटल पूंजी को चुराने के लिए करते हैं।
जालसाज लोगों की डिजिटल कमाई चुराने के लिए अलग-अलग तरीकों का इस्तेमाल करते हैं। धोखेबाज फर्जी वेबसाइट बनाकर, फर्जी ईमेल, सोशल मीडिया, लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज और निवेश फर्म के जरिए यूजर्स की जानकारी हासिल करते हैं। जालसाज पीड़ितों को बढ़िया रिटर्न जैसे दावों में फंसाते हैं, इसके बाद वह लोगों के डिजिटल कमाई को ठग लेते हैं।