लक्ष्य को प्राप्त करने या सफल होने के लिए माइंडसेट है जरूरी। जी हां किसी भी काम को करने,लक्ष्य प्राप्त करने या अपनी क्षमता को जानकर सही दिशा की ओर केंद्रित करने से वैसे लोग भी जिन्हे कमजोर समझा जाता है या जो लोग अपने को असफल मानकर हर जाते हैं चाहे वो कोई भी हों औरत,बच्चे, वयस्क,या युवा ,ऐसे लोगो के लिए धनबाद में नियाह फाउंडेशन द्वारा विनर्स माइंडसेट सीरीज की दूसरी पारी की शुरुआत की गई | पिछले वर्ष की तरह इस साल भी नियाह की टीम व्यक्तिगत रूप से लेकर महिला,बच्चे प्रोफेशनल, और तमाम तरह की संस्था के साथ उनके जनशक्ति को मजबूती, उनके अस्तित्व को सही पहचान और राह देने का आगाज़ किया है| नियाह की संस्थापक डॉ. शबा आलम खान उन्नत विज्ञान के माध्यम से लोगों को विकसित मानसिकता की तरफ ले जाने की क्रांति को आगे बढ़ाना चाहती हैं||
धनबाद को ये अनोखा जीवन बदलने वाले अनुभव उपलब्ध करवाने मे अन्य संस्थाओं का भी सहयोग मिलेगा |खास कर ऐसे बच्चे जो माता-पिता से दूर समाज से दूर होते जा रहे हैं जीवन के मूल्य को समझाते , उन बच्चों को भी मार्गदर्शन देने का कार्य किया जाएगा। लॉन्च के आज के महत्वपूर्ण दिन में टीम मैं हूँ धनबाद की अध्यक्ष पूजा रत्नाकर अपनी टीम के साथ, कल्पना झा, पर्यावरण मित्र की संस्थापक कवित्री सुधा मिश्रा अपना हॉस्पिटल के संस्थापक जनाब सलाउद्दीन, द फाउंडेशन प्ले स्कूल के डायरेक्टर अनिल सिंह जी के साथ अन्य कई ईश “विनर माइंडसेट” की सोच का पूर्ण रूप से समर्थन करते दिखे । प्रस्तुत है सहयोगी संजय सिन्हा के साथ पंकज सिन्हा की रिपोर्ट धनबाद से