संकटमोचन संगीत समारोह में भजन सम्राट अनूप जलोटा के मंच पर पहुंचते ही दर्शकों ने तालियों के साथ उनका स्वागत किया। उन्होंने भी लोगों का हर- हर महादेव से अभिवादन किया। भजन सम्राट के भजनों को सुनकर श्रोता मगन हो उठे। इसके बाद उन्होंने जनता की मांग पर ऐसी लागी लगन मीरा हो गई मगन… जब गुनगुनाना शुरू किया तो जनता भी उनके साथ मगन हो उठी। पूरा प्रांगण उनके सुर में सुर मिलाने लगा। भजन सम्राट अनूप जलोटा ने कहा कि संगीत कोई भी हो कभी खराब नहीं होता है।
संगीत में सिर्फ सात सुर ही होती हैं कोई आठवां सुर नहीं होता है। खराब होती है तो उस संगीत में इस्तेमाल होने वाली रचना। मैं तो संकटमोचन के दरबार में सुनाने नहीं यहां आने वाले कलाकारों को सुनने आता हूं। मंगलवार को संकटमोचन संगीत समारोह में बातचीत के दौरान अनूप जलोटा ने कहा कि मैं पिछले 25 सालों से संकटमोचन संगीत समारोह में प्रस्तुति दे रहा हूं। पिछले साल मेरे लिए यादगार था जब सौवें साल में सात दिन में सौ कलाकारों ने प्रस्तुतियां दी थीं, उनमें एक मैं भी अदना कलाकार था।