एक तरफ नाद ब्रह्म की उपासना तो दूसरी ओर कैनवास पर कला के रंग भी सज रहे थे। शनिवार को श्री संकटमोचन संगीत समारोह में बजरंगबली के आंगन में कला दीर्घा सजाई गई। कला दीर्घा में बाल स्वरूप से लेकर लंका दहन करते हनुमान जी के स्वरूप दर्शकों के आकर्षण का केंद्र रहे। कला दीर्घा में 250 तस्वीरों में रुद्रावतार की झांकियां हर किसी को मोह रही थीं। उद्घाटन सत्र में महंत प्रो. विश्वंभरनाथ मिश्र ने कलाकारों को आशीर्वाद देते हुए कहा कि हनुमान जी के विभिन्न लीलाओं की कलाकृतियां रामचरित मानस को मानस पटल पर जीवंत कर रही हैं।
संगीत समारोह में संगीत से भगवान को रिझाने और कलादीर्घा में भगवान के विभिन्न स्वरूपों का दर्शन हो रहा है। हर साल कला दीर्घा नई ऊंचाइयों की ओर बढ़ रही है। यह अंगनाई अब नवांकुर कलाकारों के लिए सीखने और अपनी कलाओं को प्रदर्शित करने का बड़ा मंच बन गया है। कला दीर्घा को कलाकार अनिल शर्मा की देखरेख में सजाया गया है। इसमें प्रदीप कुमार, उदय पॉल, शिव पॉल, प्रवीण पटेल, योगेश, इंद्रनील, अभिनव, राहुल बाबा, मानती शर्मा, कुसुम और अंकिता जायसवाल ने सहयोग किया।