बी आई टी सिंदरी के छात्रो ने बनाया दिव्यांगों के लिए इलेक्ट्रिक साइकिल

बी आई टी सिंदरी के छात्रो ने बनाया दिव्यांगों के लिए इलेक्ट्रिक साइकिल

बी. आई. टी. सिंदरी के इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के अंतिम वर्ष के चार छात्र रितेश कुमार, प्रियांशु मालवीया, तेज प्रकाश सिंह और तनवीर अंसारी ने एक ऐसा कमाल कर दिया है जिसकी चर्चा पूरे कॉलेज में हो रही है। इन छात्रों ने अपनी कठोर परिश्रम और लगन से दिव्यांगों के लिए एक ऐसी इलेक्ट्रिक साइकिल का निर्माण किया है जो की पूरी नवीकरणीय ऊर्जा पे आधारित है। इस साइकिल को बनाने में प्राध्यापक आदित्य कुमार ने बच्चो की कदम कदम पे सहायता की जो की इस प्रोजेक्ट के गाइड है, साथ ही एक तृतीय वर्ष के छात्र शिवानंद मोदी ने भी इस प्रोजेक्ट को बनाने में बहुत योगदान दिया। बच्चो ने बताया की डॉ. एम. जी. तियारी जो की विभाग के अध्यक्ष है तथा डॉ. प्रवीण कुमार साहू जो की प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर है की अनुमति और सपोर्ट के बिना इस प्रोजेक्ट को पूरा करना असंभव था। बच्चो ने इस साइकिल की विशेषताओ के बारे में बताते हुवे यह दवा किया की यह साइकिल 25 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से चल सकती है। इस साइकिल में 250 वाट की मोटर लगी हुवी है जो की साइकिल को चलने में मदद करती है तथा 24 वोल्ट की बैटरी लगी हुवी है जो एक बार पूरी चार्ज करने पे 30 किलोमीटर तक चलती है,

इस बैटरी को चार्ज करने के लिए सोलर तथा डाइनेमो का इस्तेमाल किया गया है जो की चलते समय बैटरी को चार्ज करती है ताकि इसकी बैटरी कभी खत्म न हो। इसके अलावे इस साइकिल की एक और खासियत है, यह साइकिल पासवर्ड पर आधारित है, जिसका मतलब है की पासवर्ड डालने के बाद ही यह साइकिल स्टार्ट होती है। इस साइकिल में इस डिवाइस को लगाने का उद्देस्य बढ़ते चोरी को कम करना है। साथ ही साथ इस साइकिल में मोबाइल चार्ज करने की भी सुविधा उपलब्ध है। बीतेदिन एलुमनाई सेल द्वारा कराये गए इनोवेशन एक्सपो में बच्चो ने भाग लिया था जिसमे उन्होंने कॉलेज के निदेशक, सभी प्राध्यापको, तथा उद्योग विशेषज्ञो के सामने अपने प्रोजेक्ट को प्रस्तुत किया और इसकी खूबियों के बारे में बताया। इस प्रतियोगिता में कुल 30 टीमों ने भाग लिया था जिसमे इन बच्चो ने दूसरा स्थान प्राप्त किया और बेस्ट फाइनल ईयर प्रोजेक्ट अवार्ड 2024 का खिताब हासिल किया।। अंत में निदेशक महोदय, उद्योग विशेषज्ञो, तथा प्राध्यापको ने बच्चो के मेहनत की सराहना की तथा इस प्रोजेक्ट में कुछ बदलाव का सुझाव दिया।

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